अशोक ‘अंजुम’
फेमस होने की ललक, गई सभ्यता लील,
देह प्रदर्शन हो रहे, बनें रील पर रील।
रील बनाती सुंदरी, ठुमक-ठुमक कर यार,
सार्वजनिक अब हो रहे, बंधन-मुक्त उभार।
देह दिखाकर मेनका, होने लगी प्रसिद्ध,
करें चौच पैनी उधर, डाल-डाल पर गिद्ध।
नशा ‘रील’ का यों चढ़ा, जन-जन है बीमार,
देह उघाड़ी मिल गए, ‘लाइक’ कई हज़ार।
यारो, सोशल मीडिया, निकला लेकर भांग,
घर-आंगन नौटंकियां, गली-गली में स्वांग।
देह दिखाती सुंदरी, हुई वायरल खूब,
भांग भरे इक कूप-सा, हुआ आज यूट्यूब।
लिंक वीडियो का मिला, और संग फ़रमान,
लाइक, सब्सक्राइब करें, शेयर भी श्रीमान।
दबे-छुपे संबंध की, परतें सभी उघाड़,
खुश है सोशल मीडिया, करके तिल का ताड़।
उबल रहा यूट्यूब पर, खूब हिडेन टैलेंट,
कल तक खुद सर्वेंट थे, अब रखते सर्वेंट।
कुछ लाइक की चाह ने, ऐसा किया कमाल,
आंख मूंद मीनार से, कूद पड़े नंदलाल।
बना-बना कर वीडियो, कौवे गावें गीत,
भालू नाचें फ्लोर पर, डीजे का संगीत।
जिसे देखिए बस वही, बांट रहा है ज्ञान,
जय-जय सोशल मीडिया,तेरी अद्भुत शान।