जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 25 मार्च
पंजाब की महिला मुक्केबाज सिमरनजीत कौर पहली ऐसी खिलाड़ी है जिसे अर्जुन अवार्ड से नवाजा गया है। सिमरन को आज पंजाब विश्वविद्यालय ने भी दो लाख रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया। पीयू के जिम्नेजियम हाल में आयोजित एक समारोह में 2012-22 के सत्र के खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। समारोह में जब सिमरनजीत कौर का नाम पुकारा गया तो पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। तालियों को बीच हाल में बैठी उसकी मां की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। जिला लुधियाना के जगरांव के निकट पड़ते गांव चकर की रहने वाली सिमरनजीत ने टोक्यो ओलंपिक में 60 किलो भार में मुक्केबाजी स्पर्धा में भाग लिया था और अब उसका लक्ष्य 2024 के पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतना है। सिमरन इन दिनों दिल्ली में लग रहे एक कैंप में खूब पसीना बहा रही हैं। अंतर्रराष्ट्रीय स्तर पर सिमरनजीत ने 2020 में जर्मनी में हुए विश्व कप में गोल्ड मेडल जीता था। इससे पहले 2018 में भी विश्व कप में सिमरनजीत ने कांस्य पदक अपने नाम किया था। अभी तक सिमरनजीत कौर अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर 12 मेडल जीत चुकी है जिनमें दो गोल्ड, 5 सिल्वर और 5 कांस्य पदक शामिल हैं। राष्ट्रीय स्तर पर भी पंजाब की इस बॉक्सर सिमरनजीत ने 8 मेडल अपने नाम कर पंजाब और देश का नाम रोशन किया है।
नौकरी की है दरकार युवा बॉक्सर को
समारोह में पुरस्कार राशि मिलने के बाद सिमरनजीत कौर और उसकी मां ने व दशमेश कालेज बादल के प्रिंसिपल प्रो. एसएस संघा ने मांग की कि पंजाब सरकार सिमरन को जल्द नौकरी दे। सिमरनजीत एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है और घर में कोई भी कमाने वाला नहीं है क्योंकि पिता की मौत हो चुकी है। सिमरन ने बताया कि उसकी रोल मॉडल उसकी बड़ी बहन अमनदीप कौर है, जो राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी है और उसके दो भाई कमलप्रीत सिंह और हर्षदीप सिंह हैं जो दोनों भी मुक्केबाज ही हैं। उनके एनआरआई भाई बलदेव सिंह और अजमेर सिंह के ही प्रयत्नों से गांव में मुक्केबाजी सीखने का प्रबंध हो सका। सिमरनजीत कौर दशमेश कालेज बादल में एमए की छात्रा है। जुलाई 2022 में बर्मिंघम में होने जा रहे कॉमनवैल्थ गेमों में मेडल लाना उनकी प्राथमिकता में शामिल रहेगा। प्रो. सुरिंदर संघा ने दावा किया कि सिमरनजीत मुक्केबाजी में अर्जुन अवार्ड पाने वाली पंजाब की पहली महिला हैं।