चंडीगढ़, 16 फरवरी (ट्रिन्यू)
पुलिस महानिदेशक मनोज यादव द्वारा सभी जिलों में लिखी गई चिट्ठी पर प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने कड़ा नोटिस लिया है। दरअसल, पुलिस लाइनों, थानों व चौकियों में स्थापित धार्मिक स्थानों को लेकर डीजीपी ने पत्र लिखा है। ऐसे धार्मिक स्थलों के बारे में रिपोर्ट भी मुख्यालय में तलब की है। साथ ही, ये निर्देश दिए हैं कि पुलिस कैम्पस में किसी तरह के धार्मिक स्थल स्थापित न किए जाएं।
गृह मंत्री अनिल विज ने डीजीपी के इन निर्देशों पर कड़ा नोटिस लिया है। उन्होंने डीजीपी से जवाब तलब किया है कि उन्होंने किस आधार पर यह निर्णय लिया है। इस तरह के नीतिगत फैसलों में सरकार की मंजूरी अनिवार्य है। बिना सरकार की मंजूरी के डीजीपी इस तरह के निर्देश जारी नहीं कर सकते। माना जा रहा है कि इस नये घटनाक्रम के बाद गृह मंत्री और डीजीपी के बीच विवाद और गहरा सकता है।
दोनों के बीच पहले से ही संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं। यहां बता दें कि डीजीपी मनोज यादव की नियुक्ति में केंद्र का भी ‘दखल’ रहा है। हाल ही में केंद्र सरकार ने भी मनोज यादव को डीजी (महानिदेशक) पद के लिए केंद्र के पैनल में शामिल किया है। यादव की डीजीपी पद पर दो वर्षों के लिए नियुक्ति हुई थी। 20 फरवरी को ही उनका दो वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है लेकिन इससे पहले ही सरकार आगामी आदेशों तक उनके नियुक्ति आदेश जारी कर चुकी है। गृह मंत्री विज ने डीजीपी के इस स्टैंड पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘आर्मी की यूनिट में भी मंदिर-गुरुद्वारे बने हुए हैं।’ उनका कहना है कि इस तरह के फैसले लेने से पहले सरकार को विश्वास में लिया जाना जरूरी है। बिना सरकार की मंजूरी के किसी अधिकारी के पास इस तरह के निर्देश जारी करने के अधिकार नहीं हैं।