चंडीगढ़, 16 फरवरी (ट्रिन्यू)
कोरोना महामारी के चलते पेरोल व फरलो पर जेल से बाहर किए गए कैदियों को अब वापस जेल लौटना होगा। कैदियों व बंदियों की जेल वापसी की प्रक्रिया 23 फरवरी से शुरू होगी। कैदी/बंदी 24 मई तक जेल में वापस करेंगे। ऐस इसलिए क्योंकि संक्रमण के चलते पहली फरवरी को ही कई कैदियों/बंदियों की पेरोल व फरलो बढ़ाई गई थी। जैसे-जैसे समय अवधि पूरी होगी, कैदियों व बंदियों को जेलों में समर्पण करना होगा।
कोविड-19 की वजह से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष राजन गुप्ता की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया था। कमेटी की सिफारिशों के बाद ही 2580 बंदियों को रिया किया गया था। मंगलवार को समिति की बैठक में अब इन बंदियों को वापस जेल बुलाने का निर्णय लिया गया।
बैठक में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, जेल महानिदेशक के़ सेल्वराज तथा नारनौल के जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सदस्य सचिव न्यायधीश प्रमोद गोयल भी मौजूद रहे। इस बारे में जेल अधिकारियों को हिदायतें भी जारी कर दी हैं। अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि दोषियों का पुन: प्रवेश उनके कारावास की अवधि के आधार पर 23 फरवरी से हो। जेल में एंट्री से पहले सभी का कोरोना एंटीजन रेपिड टेस्ट होगा। कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने वाले बंदियों को अस्पताल में भर्ती करवाया जाएगा। बाकी कैदियों को बैरक में ही कुछ दिनों के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा। जिन कैदियों को पहली फरवरी को पैरोल/फरलो पर रिहा किया गया था, वे सक्षम प्राधिकारियों द्वारा उन्हें दी गई अवधि समाप्त होने पर आत्मसमर्पण करेंगे।
जेलों में फिर शुरू होगी मुलाकात
संक्रमण के चलते जेल में बंद कैदियों को उनके परिवार के सदस्यों से मिलने को निलंबित किया गया था। अब समिति ने कैदियों को उनके परिवार के सदस्यों के साथ सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार तक फिर से मुलाकात शुरू करने की अनुमति दी है। विचाराधीन कैदियों और दोषियों को भी हर शनिवार को अपने वकीलों से मिलने की अनुमति होगी।