नयी दिल्ली 25, जून (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने नारदा मामले को स्थानांतरित करने की सीबीआई की अर्जी पर दाखिल किए गए पश्चिम बंगाल राज्य, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक के जवाबी हलफनामे स्वीकार नहीं करने का कलकत्ता हाईकोर्ट आदेश शुक्रवार को रद्द कर दिया। जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की आवकाशकालीन पीठ ने हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश जस्टिस राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय पीठ से आग्रह किया कि सीबीआई की याचिका पर फैसला करने से पहले पश्चिम बंगाल राज्य, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक के आवेदनों पर नए सिरे से विचार करे। शीर्ष अदालत 3 अपीलों पर सुनवाई कर रही थी जिसमें नारदा स्टिंग से जुड़े मामले में सीबीआई द्वारा 17 मई को तृणमूल कांग्रेस के 4 नेताओं की गिरफ्तारी के दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक की भूमिका पर उन्हें हलफनामे दाखिल करने की अनुमति देने से कलकत्ता हाईकोर्ट के इनकार के खिलाफ राज्य सरकार की अपील भी शामिल है। आरोप लगाया गया है कि राज्य के सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने मामले में चारों नेताओं की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई को अपना वैधानिक कर्तव्य निभाने में अड़चन डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने नारद स्टिंग मामले में मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व महापौर शोभन चटर्जी को गिरफ्तार किया था।