चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) :
पंजाब विश्वविद्यालय के हिन्दी-विभाग द्वारा ‘संत कबीर जयंती’ के उपलक्ष्य में विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें केंद्रीय हिंदी निदेशालय नयी दिल्ली के पूर्व उपनिदेशक डॉ. भगवती प्रसाद निदारिया ने ‘कबीर की प्रासंगिकता’ विषय पर प्रकाश डाला। आज कबीर को क्यों पढ़ा जाये? क्या कबीर का काव्य आज की समस्याओं के समाधान के लिए उपयुक्त है? नैतिकता शून्य हो रहे युग को कबीर-वाणी क्या नैतिक मूल्यों को स्वीकार करने की प्रेरणा दे सकती है? इन जैसे अनेक प्रश्नों पर डॉ. निदारिया ने तथ्यों के साथ विचार रखे। उन्होंने कबीर द्वारा अपनाए गए सत्य और प्रेम को इक्कीसवीं सदी की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्र के रूप में आचरण में उतारने पर बल दिया। विद्यार्थियों और शोधार्थियों की ओर से किए गए प्रश्नों के उत्तर डॉ. निदारिया के द्वारा दिए गए। कार्यक्रम का संचालन हिंदी साहित्य परिषद् की सचिव सुलेखा देवी ने किया और स्वागत परिषद् की अध्यक्ष अंजलि कुमारी ने किया। इस कार्यक्रम में यूजी बोर्ड ऑफ स्टडी, पीजी बोर्ड ऑफ स्टडी और एलुमनी के सदस्यों ने भाग लिया। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर बैजनाथ प्रसाद, प्रो. नीरजा सूद, प्रो. सत्यपाल सहगल, डॉ. अशोक कुमार एवं डॉ. गुरमीत सिंह उपस्थित रहे।