नरेंद्र ख्यालिया/निस
हिसार, 22 जून
नयी शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) के तहत अब यूजीसी द्वारा कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिए नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) को ऐच्छिक विषय बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस पर काम भी शुरू हो गया है। इससे विद्यार्थियों को केंद्र और राज्य सरकारों की रोजगार प्रोत्साहन योजनाओं में भी अतिरिक्त विशेष लाभ मिल सकेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों का आदेश दे दिए हैं। इसमें विद्यार्थियों को च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के तहत स्नातक स्तर तक एनसीसी को ऐच्छिक विषय के तौर पर पढ़ने को मिलेगा। शिक्षाविदों का मानना है कि इस योजना से निजी क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी और डिग्री के साथ बोनस अंक भी विद्यार्थियों को मिलेंगे। एनसीसी को ऐच्छिक विषय के तौर पर चुने जाने के लिए यूजीसी के नियमों के अनुसार छह सेमेस्टर और 24 क्रेडिट प्वाइंट में बांटा गया है। गवर्नमेंट पीजी कॉलेज के एनसीसी प्रभारी लेफ्टिनेंट नागेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि विद्यार्थियों में देशभक्ति की भावना को बल मिलेगा और सेना, नौसेना व वायुसेना में जाने के लिए फायदा होगा। फतेचंद महिला महाविद्यालय की एनसीसी प्रभारी कैप्टन सुनीता रहेजा ने कहा कि इलेक्टिव कोर्स सिद्धांत और व्यवहार पर आधारित होगा, इसमें सैन्य इतिहास पढ़ने के साथ-साथ विद्यार्थियों को सैन्य विषय, युद्ध कौशल, हथियार प्रशिक्षण, आपदा प्रबंधन व राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय एकता का ज्ञान मिलेगा और छात्राओं का एनसीसी के प्रति लगाव बढ़ेगा।
अगले शिक्षा सत्र से होगा शुरू
गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने एनसीसी को ऐच्छिक विषय के तौर पर लागू करने के फैसले को यूजीसी की अच्छी पहल बताते हुए कहा कि इससे छात्र-छात्राओं में एनसीसी के प्रति रुझान बढ़ेगा और देशभक्ति की भावना को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि व्यवस्था की स्टडी की जा रही है, संभवत: अगले शिक्षा सत्र से एनसीसी को ऐच्छिक विषय के तौर पर लागू कर दिया जाए।