कपूरथला, 13 मार्च (निस)
यूक्रेन और रूस की लड़ाई के चलते वहां से सही सलामत अपने घर गांव पंडोरी जगीर पहुंची मुस्कान थिंद व अन्य स्टूडेंट का घर पहुंचने पर फूलों से स्वागत किया गया। पत्रकारों से बातचीत करते मुस्कान थिंद ने बताया कि वह मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए लगभग 4 वर्ष पहले यूक्रेन के सुमी गई थी। अपने देश में वहीं पढ़ाई करने के लिए एक करोड़ रुपए तक का खर्च आता है, जबकि यह पढ़ाई यूक्रेन में करने पर आधे से भी कम खर्च आता है। उसने बताया कि उन्होंने दो सप्ताह बंकरों में गुजारे, जहां बिजली भी बंद थी और आखिरी समय में पानी की भी किल्लत आ गई, परंतु वहां ठंड के चलते बर्फ गिरने पर उसको पिघलाकर वह पानी पीने के काम में लेते रहे। उसने बताया कि लंबे समय तक वहां की सरकार के ध्यान में वह जगह ही नहीं आई, जहां वे रह रहे थे और वह जगह रूस के बाॅर्डर से करीब 40 किलोमीटर दूर थी। पता चलने पर सैनिकों की मदद से वहां से हमें बाहर निकाला गया और जहाज द्वारा हमें पोलैंड पहुंचाया गया, जहां भारत सरकार द्वारा सुरक्षा से हमें दिल्ली लाया गया और अपने घर सही सलामत पहुंचे हैं। इस मौके पर मुस्कान की दादी स्वर्ण कौर, भाई नवराज सिंह, आम आदमी पार्टी के नेता राजिंद्र सिंह जैनपुर, लवप्रीत सिंह डडविंडी, गुरदर्शन सिंह भिंडर, हरप्रीत सिंह, चंचल सिंह, आकाशदीप सिंह, दिलबाग सिंह, कमलप्रीत सिंह सोनी, सिकंदर सिंह सैदपुर आदि उपस्थित थे।
उधर, गांव परमजीतपुर निवासी अमितपाल सिंह पुत्र मास्टर जसबीर सिंह जो कि यूक्रेन से ही वापस आए हैं, ने बताया कि गंगा आपरेशन खत्म हाेने के बाद भी 700 बच्चे वहां फंसे हुए थे। इनको निकालने के लिए सरकार ने प्रबंध किया। उन्होंने पंजाब व केंद्र सरकार से मांग की कि अपने ही देश और प्रदेश में शिक्षा का बेहतर प्रबंध किया जाए। वहीं, गांव हैबतपुर की गुरलीन कौर का गांव के सरपंच जसविंदर सिंह नड्डा व परिवारिक सदस्यों, रिश्तेदारों द्वारा फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया गया। गांव पहुंचते ही सबसे पहले गुरलीन कौर ने गुरुद्वारा साहिब में माथा टेका। इस मौके पर गुरलीन के पिता मास्टर सुखविंदर सिंह, माता रमनदीप कौर, चाचा जसविंदर सिंह नड्डा सरपंच, ताया अमरीक सिंह, दादा साधू सिंह, मास्टर सरवन सिंह व मास्टर कश्मीर सिंह आदि ने उनका स्वागत किया व भारत सरकार का आभार व्यक्त किया।