प्रथम शर्मा/ रोहित विद्यार्थी
झज्जर/ बहादुरगढ़, 17 जून
तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहा आंदोलन एक बार फिर सवालों के घेरे में है। बहादुरगढ़ बाईपास पर किसान आंदोलन में गए गांव कसार के एक व्यक्ति को तेल छिड़ककर आग लगा दी गई। गंभीर रूप से झुलसे व्यक्ति की कुछ घंटों बाद उपचार के दौरान मौत हो गई। आरोप है कि पहले उसे शराब पिलाई गई और फिर किसान आंदोलन में शहीद होने का नाम देकर तेल छिड़कर आग के हवाले कर दिया गया। वारदात के बाद सोशल मीडिया में कुछ वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। मृतक के भाई के बयान पर पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। हत्यारोपी अभी फरार है।
वारदात के बाद जहां क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया है, वहीं वारदात से गुस्साएं परिजनों ने शव को दिल्ली-रोहतक रोड पर नगारिक अस्पताल के सामने रखकर रोष जताया। उधर, एसडीएम हितेंद्र कुमार, डीएसपी पवन कुमार सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, मगर परिजन मुआवजे सहित अन्य मांगों को लेकर अड़े रहे। मृतक की पहचान कसार निवासी मुकेश रूप में हुई है। पुलिस को दी शिकायत में गांव कसार निवासी मदन लाल पुत्र जगदीश ने बताया कि उसका भाई मुकेश बुधवार शाम घर से घूमने के लिए निकला था, जो किसान आन्दोलनकारियों के पास पहुंच गया। उसे फोन कॉल से पता चला कि भाई पर आंदोलनकारियों ने जान से मारने की नीयत से तेल छिड़कर आग लगा दी। वह पूर्व सरपंच टोनी को लेकर मौके पर पहुंचा तो उसका भाई मुकेश गंभीर उसे झुलसा हुआ था। वे उसे नागरिक अस्पताल लेकर आए। यहां उपचार के दौरान मुकेश ने बताया कि आंदोलन में कृष्ण नामक एक व्यक्ति ने पहले शराब पिलाई और फिर उसे आग लगा दी। इससे वह झुलस गया। बाद में वे उसे एक निजी अस्पताल ले गए, जहां उसकी मौत हो गई।