संयुक्त राष्ट्र, 6 फरवरी (एजेंसी)
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) कथित तौर पर अफगानिस्तान में छोटे-छोटे आतंकी समूहों को फिर से एकजुट करने की कोशिश में लगा है और इससे क्षेत्र में आतंकी खतरा बढ़ने की भी आशंका है।
आतंकी संगठन अल कायदा टीटीपी को संचालित कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान पिछले साल सिर्फ तीन महीनों के अंदर 100 से ज्यादा ‘सीमा पार’ हमलों के लिये जिम्मेदार था। ‘एनालिटिकल सपोर्ट एंड सैंक्शंस मॉनीटरिंग टीम’ की 27वीं रिपोर्ट इराक में इस्लामिक स्टेट और लेवांट (दाइश), अलकायदा व अन्य संबंधित समूहों से जुड़ी सुरक्षा परिषद की समिति को सौंपी गई। इसमें कहा गया, ‘टीटीपी ने अफनानिस्तान में छोटे-छोटे आतंकी समूहों को कथित रूप से फिर से एक करने का काम किया है, जिसका संचालन अलकायदा कर रहा था।’ रिपोर्ट के मुताबिक, ‘इससे अफगानिस्तान, पाकिस्तान और क्षेत्र में खतरा और बढ़ने की आशंका है।’ उसमें कहा गया है कि जुलाई और अगस्त में पांच समूहों ने टीटीपी के प्रति निष्ठा का संकल्प व्यक्त किया था, जिसमें शहरयार महसूद समूह, जमात-उल-अहरार, हिज्ब-उल-अहरार, अमजद फरूकी समूह और उस्मान सैफुल्लाह समूह (जिसे पहले लश्कर-ए-झांगवी के नाम से जाना जाता था) शामिल हैं।
लड़ाकों की सख्या 2500 से 6000
रिपोर्ट के मुताबिक, इससे टीटीपी की ताकत बढ़ी है और नतीजतन क्षेत्र में हमले बढ़े हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक आकलन के मुताबिक, टीटीपी में लड़ाकों की संख्या 2,500 से 6,000 है। एक ‘मेंबर स्टेट’ के मुताबिक टीटीपी ‘जुलाई और अक्तूबर 2020 के बीच सीमा पार के देशों में 100 से अधिक हमलों के लिए जिम्मेदार है।’ रिपोर्ट में कहा गया कि अफगानिस्तान, माली, सोमालिया और यमन समेत कुछ अन्य जगहों पर बीते कुछ समय में हुए नुकसान के कारण अल-कायदा ने उच्च नेतृत्व की प्रवृत्ति वाले अहम स्थान को गंवाया है।