जोगिंद्र सिंह/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 15 जून
पंजाब विश्वविद्यालय प्रशासन ने हाईकोर्ट के निर्देशों की अनदेखी करते हुए सभी सीनेटरों से चार-चार फैकल्टी के आप्शन मांग लिये हैं। हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा था कि मामले के निपटारे तक सिंडिकेट गठन के पूरे प्रोसेस को रोक दिया जाये। रजिस्ट्रार की ओर से सीनेटरों को भेजी गयी चिट्ठी पर तारीख 30 मई की डाली हुई है, जो कोर्ट के निर्देशों से पहले की है। यह बात अलग है कि चिट्ठी अधिकतर लोगों को देर से मिली है। इसमें 13 जून तक सभी सीनेटरों को दो मेजर और दो माइनर फैकल्टी आप्ट कर भेजनी थी। इस पर पूर्व कुलपति प्रो. एके ग्रोवर ने कोई फैकल्टी आप्ट करने की बजाय नई कमेटी के गठन की मांग वाले 9 जनवरी के अपने नोट और 12 जनवरी की चिट्ठी का हवाला देते हुए गवर्नेंस रिफार्म्स के लिये नई रेगुलेशन कमेटी बनाने का सुझाव दे डाला। उन्होंने सुझाव दिया कि हर सीनेटर को दो फैकल्टी में सर्व करने के लिये कहा जाये। एक फैकल्टी मेजर में से ले और दूसरी माइनर फैकल्टी से। अगर कोई सीनेटर मेजर फैकल्टी से नहीं आता है तो उसे माइनर फैकल्टी देकर उससे मेजर फैकल्टी से विकल्प मांग लिया जाये। किसी भी फैकल्टी में एडिड मैंबर को सीनेटर या डीन के चुनाव में वोट का अधिकार न हो। उन्होंने कहा है कि पीयू प्रशासन रेगुलेशन के जरिये ये संशोधन करने के बाद फैकल्टी की छह सीटों पर चुनाव कराने पर विचार कर सकता है।
सेंट्रल यूनिवर्सिटी की मांग, वीसी को ज्ञापन : एक ताजा घटनाक्रम में आज पंजाब विश्वविद्यालय के एक धड़े के टीचर्स ने आज प्रो. मनु शर्मा की अगुवाई में कुलपति प्रो. राजकुमार से मुलाकात की और हाल ही में हाईकोर्ट की पंजाब यूनिवर्सिटी को केंद्र सरकार सेंट्रल दर्जे के विषय में डायरेक्शन का उल्लेख करते हुए पीयू को सेंट्रल दर्जा दिलाने के लिये आवश्यक कार्रवाई करने की अपील की। हालांकि पूटा इसमें शामिल नहीं हुई। इस बीच एसएफएस व अन्य वामपंथी छात्र संगठन इसका लगातार विरोध कर रहे हैं और कल फिर उन्होंने इस संबंध में एक विशेष बैठक बुलाई है।