सिरसा, 14 जून (निस)
सांसद सुनीता दुग्गल ने कहा कि संत कबीर दास धार्मिक एकता के प्रबल समर्थक थे। उनकी शिक्षाएं समाज की धरोहर हैं और हम संत कबीर के सिद्धांतों के अनुरूप अंत्योदय को वचनबद्ध हैं। उनकी शिक्षाएं और विचार आज भी प्रासंगिक हैं। कमजोर वर्गों का सर्वांगीण विकास ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगा।
उन्होंने कहा कि अपने पूर्वजों, संतों, महात्माओं एवं महापुरुषों को याद करना किसी भी समाज एवं देश के लिए गौरव की बात है, इससे हमारी युवा पीढ़ी को हमारे महापुरुषों के आदर्शों एवं शिक्षाओं की जानकारी मिलती है। सुनीता दुग्गल मंगलवार को संत कबीर की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रही थीa। इस अवसर पर राज्य सभा सांसद डीपी वत्स, जिलाध्यक्ष भाजपा आदित्य देवीलाल, पूर्व चेयरमैन जगदीश चोपड़ा, रतनलाल बामणिया, बसंत नागोकी, प्रदीप रातुसरिया, भूपेश मेहता आदि मौजूद थे। इससे पहले सांसद सुनीता दुग्गल ने अनाजमंडी स्थित संत शिरोमणि सदगुरु कबीर साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया और जरूरतमंदों को दवाइयां भी वितरित की गई।
धार्मिक एकता के प्रबल समर्थक थे संत कबीर
कुरुक्षेत्र (हप्र) : विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि संत कबीर दास धार्मिक एकता के प्रबल समर्थक थे। आज समाज को उनके दिखाये मार्ग पर चलने की जरूरत है। विधायक सदगुरु कबीर आश्रम सन्निहित सरोवर पर सदगुरु श्री कबीर साहेब प्राकट्य दिवस समारोह में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने संत रविदास, डॉ. भीमराव अंबेडकर, महर्षि कश्यप व संत कबीर दास जैसे महापुरुषों की जयंती सरकारी तौर पर मनाने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने संत-महापुरुषों के विचारों को समाज में फैलाने के लिए संत-महापुरुष विचार सम्मान व प्रसार योजना की शुरुआत की है। इस मौके पर महंत श्री गुरमुख दास शास्त्री,महंत महेन्द्र दास शास्त्री, महंत विशाल साहिब, मंदिर प्रधान ईश्वर सिंह आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।