सहीराम
देखिए आपका रुदन ठीक है कि महंगाई बढ़ रही है। लेकिन महंगाई बढ़ना कोई खबर नहीं है। अब यह वह जमाना तो रहा नहीं कि आप ‘महंगाई मार गयी’ वाला गीत गाएं या फिर यह गाने लगें कि महंगाई डायन खाए जात है। उस जमाने में महंगाई के खिलाफ बड़े-बड़े आंदोलन होते थे, धरने-प्रदर्शन होते थे। संसद और विधानसभाएं ठप हो जाती थीं। वह जमाना अब नहीं रहा। अब महंगाई को हमने अपना लिया है। किसी अपने की तरह। कांग्रेस राज में महंगाई परायी थी, भाजपा राज में आकर वह अपनी हो गयी है। बल्कि अब तो इस पर गर्व किया जा सकता है कि महंगाई बढ़ रही है।
घटने को रोजगार है न। वह घट रहा है। घटने को जीडीपी है, वह घट रही है। घटने को रुपये का मूल्य है न, वह घट रहा है। घटने को गरीब की थाली का खाना है, वह घट रहा है। भूख सूचकांक में हमारा दर्जा घट रहा है। बल्कि जब से टीके कम पड़े हैं और हमने दूसरों से मांगने शुरू किए हैं, तब से तो देश का रुतबा भी घट रहा है। लेकिन यह सब घटने से हमें निराश नहीं होना चाहिए। अतीत प्रेम से बाहर निकलना चाहिए। अतीत प्रेम इतिहास के मामले में तो ठीक है, अर्थव्यवस्था के मामले में ठीक नहीं है। इसलिए नए जमाने के मुताबिक हमें महंगाई का रोना रोने से अच्छा महंगाई पर गर्व करना सीख लेना चाहिए।
अब देखिए, पेट्रोल कई शहरों में शतक मार गया। कोई क्रिकेट खिलाड़ी जब शतक मारता है तो हम खुश नहीं होते क्या? उस पर गर्व नहीं करते क्या? तो पेट्रोल के शतक मारने पर हम गर्व क्यों नहीं कर सकते। अरे यार, यह कोई पराया थोड़े ही है। अपना ही तो है। अंबानी का नहीं होगा, अडानी का होगा। बाहर से आया होगा तो भी रिफाइनरी में तो उन्हीं की शुद्ध हुआ होगा। देखिए, यह बढ़ने का दौर है।
जी नहीं, हम दूसरों की तरह किसी की दाढ़ी बढ़ने की बात नहीं करेंगे। बढ़ने पर गर्व करने लायक और भी बहुत सी बातें हैं। इधर देश में बेरोजगारी बढ़ रही है और उधर देश में करोड़पति बढ़ रहे हैं, यह क्या गर्व करने की बात नहीं है। इधर गरीबी बढ़ रही है तो उधर बड़े सेठों में किसी को देख लो, सब की दौलत बढ़ रही है, क्या यह गर्व करने की बात नहीं है। और तो और चीन को कोसते-कोसते उसके साथ हमारा व्यापार सत्तर फीसद बढ़ गया, क्या यह गर्व करने की बात नहीं है।
महामारी इतनी बढ़ी, कोरोना के केस इतने बढ़े कि हम दुनिया में आगे हो गए। तो बढ़ती बेरोजगारी, बढ़ती गरीबी, बढ़ती महंगाई का रोना मत रोइए। बल्कि पेट्रोल की तरह अगर कोई दाल या सब्जी भी शतक मार जाए तो उसे प्रोत्साहन दीजिए। ताली बजाइए, सीटी बजाइए।