कैथल, 9 जून (हप्र)
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिला प्रधान सतपाल दिल्लोंवाली ने कहा है कि देश को आजाद हुए 75 वर्ष हो गए हैं, लेकिन केंद्र सरकार जब भी फसलों के भाव की घोषणा करती है तो किसानों के साथ भद्दा मजाक किया जाता है। इस साल भी खरीफ की फसलों के भाव की घोषणा की लेकिन वही हाल हुआ। धान का रेट 1 रुपये प्रति किलो बढ़ाया गया। अन्य फसलों का भी 1 से 3 रुपया बढ़ाया गया है। ऐसे में किसान कब तक सब्र रख सकता है। आज महंगाई आसमान छू रही है, जो भी खेती में प्रयोग होने वाली दवाइयां हैं उनके रेट दुगने हो गए हैं। खाद भी 150 रुपए प्रति बैग महंगा हो गया है। डीजल, तेल के महंगे होने के कारण खेतों का खर्च बढ़ गया है। भाजपा सरकार वह प्रधानमंत्री कहते थे कि हमारी सरकार बनी तो हम डॉक्टर स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करके सी-2 के हिसाब से 50 प्रतिशत लाभ देने के साथ फसलों के भाव किसानों को देंगे, लेकिन 8 साल से ऐसा नहीं हुआ। आज खेती घाटे का सौदा बन चुकी है। उन्होंने बताया कि आने वाली 16 से 18 जून को भारतीय किसान यूनियन टिकैट का 3 दिन का चिंतन शिविर हरिद्वार में लगाया जाएगा, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।