सोनीपत, 1 मार्च (हप्र)
यूक्रेन में जिले के 76 छात्र फंसे हैं। जद्दोजहद के बाद सिर्फ 6 छात्रों की घर वापसी हो पाई है। बमबारी में कर्नाटक के छात्र की मौत ने परिजनों की चिंता भी बढ़ा दी है। रूस द्वारा हमले तेज किए जाने के भय के चलते अधिकांश छात्र बंकरों व इमारतों की बेसमेंट में शरण लिए हुए हैं। वहां फंसे विद्यार्थियों को केवल एक समय का खाना ही नसीब हो रहा है। परिजन अपने बच्चों के पास फोन कर उनका हालचाल जान रहे हैं।
तन्नु उर्फ खुशी लौटी वतन
रोमानिया से छात्रों को लेकर एक फ्लाइट मंगलवार दोपहर 1.20 बजे दिल्ली पहुंची। इनमें ठरू उल्देपुर निवासी तन्नू उर्फ खुशी भी शामिल है। तन्नू उर्फ खुशी को लेने के लिए उसके पिता बलजीत खत्री व मां सुनीता दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचे। बेटी को सकुशल देख माता-पिता की आंखों से आंसू छलक पड़े। घर लौटी तन्नू ने बताया कि यूक्रेन में हालात बेहद खराब हैं। हजारों छात्र अभी भी फंसे हुए हैं, उनमें सोनीपत के भी अनेक छात्र हैं। उसने बताया कि वह टर्नापिल नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस करने के लिए तीन महीने पहले ही यूक्रेन गई थी।
जानां था हवाई अड्डे, पहुंचा दिया बुखारेस्ट : खरखौदा निवासी डॉ. राजबीर सैनी ने बताया कि मेरा बेटा सिद्धार्थ सैनी वतन वापसी के लिए भरसक प्रयास कर रहा है। जैसे-तैसे उसने रोमानिया बॉर्डर पार किया। बॉर्डर से 35 युवाओं को एक बस मेें हवाई अड्डे पर ले जाने के लिए बैठा दिया। बस वाला 6 घंटे बस को घूमाता रहा। जब युवाओं ने उससे हवाई अड्डे के बारे में पूछा तो बस चालक ने बताया कि आपका स्टेशन तो बहुत पीछे छूट गया। बस चालक ने सभी 35 को वहीं उतार दिया। उन्होंने भारतीय दूतावास से संपर्क किया, जहां से बताया कि ट्रेन पकड़कर बुखारेस्ट पहुंचो। 35 युवा बुखारेस्ट की एक चर्च में शरण लिए हुए हैं।