शिमला, 28 फरवरी (निस)
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 4 मार्च को शिमला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राज्य का चुनावी बजट पेश करेंगे। बजट सभी की उम्मीदों पर खरा उतरे और चुनावी साल में इसका सरकार को भी फायदा हो, इसे लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर लगातार अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज जयराम ठाकुर शिमला में वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ तीन घंटे तक बैठक की और बजट में शामिल करने के लिए आए विभिन्न वर्गों के सुझावों पर मंथन किया।
चुनावी साल में अपने मौजूदा कार्यकाल का अंतिम बजट पेश कर रहे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष आर्थिक चुनौतियों के बावजूद बजट में सभी वर्गों, खासतौर पर कर्मचारियों व बेरोजगारों को रिझाने व प्रदेश में पर्यटन, उद्योग व हाईड्रो पावर सेक्टर में निवेश बढ़ा कर रोजगार सृजन की चुनौती रहेगी।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 4 मार्च को विधान सभा में आगामी वित्त वर्ष का बजट पेश करेंगे। विधान सभा में बजट प्रस्तुत करने से पहले उन्होंने आज वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, सचिव अक्षय सूद , रोहित जम्वाल व अमरजीत सिंह के अलावा विभाग की बजट शाखा के अधिकारियों के साथ बैठक की।बजट तैयारियों पर चर्चा में रोप-वे निर्माणए जल परिवहन केंद्रित रहेगा। ऐसा करने से सरकार के लिए एक पंथ.कई काज की नई कहावत गढ़ेगी। यानि प्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में विश्व के विकसित देशों को टक्कर देने की स्थिति में रहेगा।
बजट पेश होने से ठीक एक दिन पहले विधान सभा सत्र के दौरान मंत्रिमंडल की बैठक होनी है। मंत्रिमंडल की इस अहम बैठक में माली साल 2022-23 के लिए पेश होने वाले बजट को वेट किया जाएगा। नए बजट में ऐसी योजनाएं शामिल होंगी जोकि तुरंत धरातल पर उतरती नजर आएंगी। इस बार बजट में बेरोजगारों को लुभाने के लिए कई तरह के निर्णय शामिल रहेंगे।
चालू वित्त वर्ष में प्रदेश सरकार का बजट 50192 करोड़ है। चुनावी साल में सरकार ने कर्मचारियों को संशोधित वेतन मान व पेंशनभोगियों को संशोधित दरों पर पेंशन के भुगतान का फैसला पहले ही ले लिया है। बजट में संशोधित वेतनमानों व पेंशन के एरियर का प्रावधान होगा। साथ ही बेरोजगारों के लिए भी सरकारी क्षेत्र में रोजगार सृजन को लेकर घोषणाएं होंगी। अधूरी पड़ी योजनाओं के साथ साथ मुख्यमंत्री की घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए बजट में धन का प्रावधान किया जाएगा। जाहिर है कि प्रदेश में बजट का आकार करीब 55 हजार करोड़ होने की उम्मीद है।