उत्तर भारत के प्रसिद्ध शिव पीठ बैजनाथ का खीरगंगा घाट पूरी तरह उपेक्षित है। इस घाट में अस्थियां विसर्जित करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। सामान्य स्थितियों में भी यह स्थल लोगों की आस्था का केंद्र है। जो लोग आर्थिक तंगी आदि के कारण हरिद्वार नहीं जा पाते वह पूर्वजों के फूल खीरगंगा में ही विसर्जित करते हैं। वर्तमान में इस स्थान की दुर्दशा देखकर बहुत दुख होता है। महिलाओं के लिए तो यहां स्नानघर है लेकिन पुरुष इस सुविधा से वंचित हैं। यहां घाट भी कोई नहीं है, जहां बैठकर लोग फूल विसर्जन और पिंडदान की प्रक्रिया पूरी कर सकें। बारिश की स्थिति में बैठने के लिए कोई कमरा या बरामदा भी नहीं है।
वर्तिका शर्मा, बैजनाथ
महंगाई की मार
एक तरफ कोरोना से लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर कमरतोड़ महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। बेकारी बढ़ गई है, लोगों की आमदनी कम हो गई है। तेल और पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं। सब्जियों और दालों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। एलपीजी गैस महंगी होती जा रही है। सरकार को जहां कोरोना के साथ जंग लड़नी पड़ रही है, वहीं महंगाई पर नियंत्रण करने के लिए कोशिश करनी चाहिए ताकि लोगों को राहत मिल सके।
शामलाल कौशल, रोहतक