शिमला, 29 जनवरी (निस)
पर्यटन नगरी शिमला को अब आधुनिक टाउनशिप पर ग्रहण लग गया है। एनजीटी के निर्देशों के बाद जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डा के समीप जाठियादेवी में प्रस्तावित आधुनिक टाउनशिप ठंडे बस्ते में चली गई है। सरकार अब टाउनशिप के लिए अधिग्रहित की गई करीब 400 बीघा भूमि में प्लॉट बनाकर बेचने की तैयारी में है। हिमुडा इस भूमि पर प्लाट काट कर बेचेगा। प्लाट बेचने का मकसद भूमि के अधिग्रहण में खर्च हुई करोड़ों की रकम की वसूली करना है। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज अनौपचारिक बातचीत में बताया कि जाठिया देवी में प्रस्तावित टाउनशिप के निर्माण में दिक्कतें हैं। एनजीटी के आदेशों के बाद यहां ढ़ाई मंजिल से अधिक भवन का निर्माण नहीं हो सकता। लिहाजा हाउसिंग प्रोजेक्ट घाटे का सौदा साबित हो सकता है। सरकार ने करोड़ों की रकम खर्च कर यहां भूमि अधिग्रहित की है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व कांग्रेस सरकार के वक्त वर्ष 2017 में जाठियादेवी में टाउनशिप विकसित करने की योजना बनी थी। टाउनशिप विकसित करने का मकसद शिमला में भीड़ कम करना था। बाकायदा उस वक्त सिंगापुर की एक कंपनी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर की बात भी कही गई। टाउनशिप पर 2500 करोड़ खर्च होने की बात कही गई थी। मगर इससे पहले की टाउनशिप को विकसित करने का कार्य आरंभ हो पाता प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पराजित हो गई। साथ ही इससे पहले एनजीटी ने शिमला के अलावा प्रदेश के प्लानिंग क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों को सीमित करने के आदेश दिए। इसके बाद करीब तीन सालों से जाठिया देवी में प्रस्तावित टाउनशिप का काम ठंडे बस्ते में है। टाउनशिप विकसित करने का कार्य आरंभ न होने की वजह से हिमुडा को भारी नुकसान हो रहा है। टाउनशिप के लिए भूमि अधिग्रहित करने के लिए रकम हिमुडा ने ही खर्च की। लिहाजा अब सरकार की अधिग्रहित भूमि पर प्लाटिंग की योजना है। प्लॉट काट कर इनकी नीलामी होगी। माना जा रहा है कि इससे हिमुडा खर्च की गई रकम की वसूली कर पाएगा।
उधर शिमला में विकास नगर के समीप प्रस्तावित व्यावसायिक परिसर का कार्य भी अधर में है। विकास नगर में पेट्रोल पंप के समीप व्यावसायिक परिसर निर्माण को लेकर कार्य आरंभ हुआ। सड़क का निर्माण किया गया। एनएच में गंदे पानी के नाले को लाखों की रकम खर्च कर पक्का किया गया। मगर यह कार्य भी करीब ढ़ाई साल से ठप्प है।