दीप्ति अंगरीश
जीवन में क्रिएटिविटी के साथ संबंधों को भी साथ लेकर आगे बढ़ना होता है। हरेक की अपनी अहमियत है। ऐसे में आप बुनाई कर सकते हैं। आपकी सेहत भी ठीक रहेगी और संबंधों को नई उष्मा मिलेगी।
असल में, बुनाई और क्रोशिया में उंगलियों का अधिक इस्तेमाल होता है। बुनाई में कई फंदों की सीधी बुनाई, बेल-बूटे की बुनाई, घट व जोड़ करनी होती है। यह सब काम सरपट होना चाहिए, तभी बुनाई एकसार दिखती है। ऑस्टियोपोरोसिस सोसायटी का मानना है कि बुनाई करने से उंगलियों व हाथ में लचीलापन कायम रहता है और हाथों की मांसपेशियां टोंड रहती हैं। यह गठिया पीड़ितों के लिए उम्दा व्यायाम है। हां, बुनाई करते समय बीच-बीच में ब्रेक लें।
सालोंसाल स्वस्थ मस्तिष्क
अध्ययनों से पता चला है कि सिलाई या क्रोशिया की जो लोग बुनाई करते हैं उनमें उम्र से संबंधित संज्ञानात्मक हानि या स्मृति हानि की आशंका कम होती है। 70 से 89 वर्ष की आयु के बुनकर (सिलाई व क्रोशिया) पर किए गए अध्ययन से मालूम चला है कि उनका दिमाग पूर्ण स्वस्थ होता है और असंख्य यादें उनके मस्तिष्क में कैद रहती हैं। साथ ही यह गणित मजबूत करती है। कह सकते हैं कि मस्तिष्क को तेज बनाए रखने वाले तंत्रिका मार्गों में मददगार होती है बुनाई।
बुनाई के मानसिक फायदे
जहां बुनाई शारीरिक रूप से सेहतमंद रखती है, वहीं दिमाग के लिए टॉनिक है। रोज़ाना कुछ घंटों या मिनटों की नियमित बुनाई करने से आप हमेशा हैप्पी-हैप्पी महसूस करते हैं। यानी ताज़गी भरा दिमाग जो बेहतर से बेहतर सोचने, समझने और तर्क-वितर्क की क्षमता को बलिष्ठ करता है। इसके कुछ बेहतरीन फायदे हैं, जैसे- आत्म विश्वास में वृ़द्धि, गर्व की अनुभूति, नए कार्यों से जुड़ने का जोश, आगे बढ़ने की ललक, अकेलेपन से लड़ने में कारगर आदि।
बुनाई से सामाजिक संबंध
आप बुनाई करते समय कहीं उलझ गए तो ऑनलाइन या ऑफलाइन लोगों से जुड़ते हो। उनसे बुनाई से संबंधित बहुत सी बातें पूछते व बताते हो। इससे एक सामाजिक संबंध स्थापित होता है। याद करिए कुछ वर्ष पूर्व महिलाओं का खाट पर एक साथ बैठकर धूप सेंकना और बुनाई करना कितना कुछ देता था। सबसे पहले मुफ्त में विटामिन डी मिलती थी। यानी जोड़ों में दर्द नहीं होता था। बुनाई के साथ-साथ आपसी संबंध बनते थे। शायद ही कोई महिला अकेला महसूस करती थी। बुनाई के साथ हंसी, ठहाके, यहां-वहां की बातें और रोचक जानकारियां मिलती थीं। कई को तो जिगरी दोस्त भी मिले बुनाई के चक्कर में। भले ही वह दौर अब खत्म हो गया है, लेकिन सेहत के लिए कम से कम एक साथ बैठकर यह प्रयास फिर से कर सकते हैं। अब तो लोगों से जुड़ने के कई माध्यम तकनीक ने दिए हैं। सेहत और संबंधों को तरोताज़ा करने के लिए छोटे-छोटे निटिंग क्लब बनाएं।
धीमा हार्ट रेट और रक्तचाप
आप बुनाई सिलाई से करें या क्रोशिया से। दोनों से ही आराम महसूस होता है। अच्छा महसूस करने से ज्यादा सेहतमंद होते हैं। इससे तनाव वाले हार्मोन कार्टिसोल का स्तर घटता है। यदि इस हार्मोन की अधिकता हो जाए तो यह हृदय के लिए हानिकारक है। साथ ही तनाव सभी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है।
कम करता है माइंडलेस ईटिंग
यदि हर समय आप चटर-पटर खाने में मश्गूल रहते हो या बार-बार मन करता है चिप्स, मठरी, कोल्ड ड्रिंक, चाय, कॉफी आदि खाता-पीता रहूं तो बुनाई करें। यह आपके लिए अच्छी रहेगी। वजह यह है कि जब हाथ व्यस्त रहेंगे तो माइंडलेस ईटिंग की गुंजाइश शून्य होगी। हर समय अंट-शंट खाने के कितने नुकसान हैं इससे तो आप वाकिफ हैं। यदि टीवी देखते हुए आपमें कुछ न कुछ खाने की आदत है, तब भी हाथों और दिमाग को बुनाई में व्यस्त रखें।