चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) :
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने नशे से निपटने की तैयारियां और इसके लिए तैयार किया गया रोडमैप केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने रखा। उत्तरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में सीएम खट्टर ने कहा कि नशाखोरी की समस्या से देश के लगभग सभी राज्य जूझ रहे हैं। हमें नशे के विरुद्ध सामूहिक लड़ाई लड़नी होगी। यदि किसी एक राज्य में नशाखोरी व मादक पदार्थों की तस्करी के विरुद्ध पुलिस द्वारा सख्ती की जाती है, तो नशे के सौदागर पड़ोसी राज्यों की ओर रुख करने लगते हैं। नशा बेचने वालों का नेटवर्क पूरे देश में फैला है। विभिन्न राज्यों की लॉ-एनफोर्समेंट एजेंसियां आपसी तालमेल से एकजुट होकर काम करें तो इस समस्या पर अंकुश लगाया जा सकता है। सीएम ने कहा कि हरियाणा द्वारा उठाए गए कारगर कदमों और सख्ती के नतीजे आए हैं। राज्य में एनडीपीएस एक्ट के तहत हर माह औसतन 200 केस दर्ज हो रहे हैं। 30 जून तक 1913 मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें 2661 आरोपी गिरफ्तार किए गए। जून-2022 तक 253 ड्रग तस्करों की करीब 32 करोड़ रुपये की काली कमाई जब्त की गयी है। वहीं, 13 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया चल रही है। सीएम ने कहा कि पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए गये हैं कि वे हर मुकदमे की तह तक जाएं और मादक पदार्थों के स्रोत तक पहुंचे।
इसी का परिणाम है कि तेलंगाना, ओडिशा, मध्य प्रदेश जैसे सुदूर राज्यों के दुर्गम इलाकों से भी हरियाणा पुलिस ने नशा तस्करों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। हरियाणा द्वारा नशा तस्करों के खिलाफ की जा रही तैयारियों से केंद्रीय गृह मंत्री संतुष्ट नज़र आए। उन्होंने हरियाणा के प्रयासों की सराहना भी की।
142 नशामुक्ति केंद्र खोले : सीएम ने बैठक में बताया कि एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रदेश में 142 नशामुक्ति केंद्र खोले गये हैं। सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मानसिक स्वास्थ्य एवं नशामुक्ति वार्ड स्थापित किए गये हैं। हर जिले के सिविल अस्पताल में भी नशामुक्ति केंद्र खोले जा रहे हैं। अब तक 13 जिलों में ये केंद्र खोले जा चुके हैं।
पुनर्वास की कोशिश : मुख्यमंत्री ने कहा कि हम नशे के आदी व्यक्तियों की पहचान, उपचार और आर्थिक रूप से उनका पुनर्वास कर उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए ‘हरियाणा राज्य मादक पदार्थ रोकथाम समिति’ का गठन कर रहे हैं। यह समिति नशे के कारण होने वाली सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य व अन्य हानियों के बारे में अनुसंधान कर लोगों को जागरूक करने का काम करेगी।
पंचकूला में एंट्री ड्रग सचिवालय :
सीएम ने कहा कि हरियाणा पुलिस नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के साथ तालमेल बनाए हुए है। पड़ोसी राज्यों के साथ हर स्तर पर सहयोग के लिए पंचकूला में अंतर-राज्यीय एंटी ड्रग सचिवालय की स्थापना की गयी है। उत्तर भारत के आठ राज्य ड्रग तस्करी के बारे में सूचनाएं एकत्रित और साझा करते हैं। राज्य सरकार ने हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की स्थापना की है। एडीजीपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में सैकड़ों पुलिसकर्मी नशे के खिलाफ एक महत्वाकांक्षी स्टेट एक्शन प्लान लागू कर रहे हैं।
आईटी का भरपूर इस्तेमाल : सीएम ने कहा कि इस लड़ाई में आईटी का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। इस संबंध में ‘प्रयास’ और ‘साथी’ नाम के मोबाइल एप बनाकर पायलट प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं। वहीं, बच्चों और युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए ‘धाकड़’ नामक कार्यक्रम स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के स्तर पर शुरू किया गया है।