नयी दिल्ली, 23 जनवरी (एजेंसी)
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने रविवार को भारतीय सेना को सूचित किया कि उसे अरुणाचल प्रदेश के पार अपने क्षेत्र में ‘एक किशोर मिला है’ और वे उसे जल्द ही सौंप देंगे। कुछ दिन पहले एक सांसद ने दावा किया था कि पीएलए के सैनिकों ने एक किशोर को अगवा कर लिया है। हालांकि, रक्षा सूत्रों ने कहा कि पीएलए ने किशोर की पहचान की पुष्टि नहीं की है और ऐसा माना जाता है कि वह मिराम तरोन है, जिसे कथित तौर पर 18 जनवरी को अपर सियांग जिले से चीनी सैनिक ले गए थे। घटना के सामने आने के बाद भारतीय सेना ने किशोर का पता लगाने के लिए पीएलए से मदद मांगी थी। सूत्रों ने कहा कि पीएलए ने भारतीय सेना को सूचित किया कि उसे एक किशोर मिला है और उसे भारतीय पक्ष को सौंपने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। अरुणाचल प्रदेश से सांसद तापिर गाओ ने भी बताया कि उन्हें भारतीय सेना से पुष्टि मिली है कि किशोर पीएलए की हिरासत में है और जल्द ही सौंप दिया जाएगा। गाओ ने 19 जनवरी को दावा किया था कि पीएलए ने अपर सियांग जिले के सियुंगला इलाके (बिशिंग गांव) के लुंगटा जोर से तरोन को अगवा कर लिया है। तरोन के दोस्त जॉनी यायिंग ने पीएलए द्वारा अगवा किये जाने के बारे में प्राधिकारियों को सूचित किया। दोनों जिदो गांव के स्थानीय शिकारी हैं। घटना उस स्थान के पास हुई जहां से त्सांगपो नदी भारत में अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है। त्सांगपो को अरुणाचल प्रदेश में सियांग और असम में ब्रह्मपुत्र कहा जाता है। 20 जनवरी को, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि उसे इस घटना की जानकारी नहीं है, लेकिन कहा था कि पीएलए सीमाओं को नियंत्रित करती है और ‘‘अवैध प्रवेश और निकास गतिविधियों” पर कार्रवाई करती है। सितंबर 2020 में, पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबनसिरी जिले से पांच युवकों को अगवा कर लिया था। करीब एक सप्ताह बाद पीएलए ने युवकों को रिहा किया था।