नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 18 मई
इस डगर पर चलने वाले सावधान। कहने को तो यह फर्राटेदार एक्सप्रेस-वे का हिस्सा है, लेकिन यहां ‘जेब कतरों’ की भरमार है। हम गली-बाजार में घूमते जेबकतरों की बात नहीं कर रहे, बल्कि उन टोल प्लाजा की बात कर रहे हैं जो काम पूरा हुए बिना ही ‘वसूली में जुट गए हैं।’ यहां बात हो रही है देश के सबसे लंबे निर्माणाधीन एक्सप्रेस-वे के एक हिस्से की। गुरुग्राम से सोहना तक। दूरी 23 किलोमीटर। इस एक्सप्रेस-वे का बादशाहपुर से सोहना तक करीब 12 किलोमीटर लंबा हिस्सा पूरा होने का दावा करते हुए भोंडसी-घामड़ोज गांव की सीमा पर टोल प्लाजा चालू कर दिया गया है। इस 12 किलोमीटर के सफर के लिए टोल प्लाजा पर एक तरफ की यात्रा करने वाले कार यात्रियों से 45 रुपये टोल शुल्क लिया जाता है। यानी सफर 3 रुपये 75 पैसे प्रति किलोमीटर और महंगा हो गया। यदि 24 घंटे के अंदर इसी टोल प्लाजा से निकला जाये तो 25 रुपये फिर से देने पड़ते हैं। दोनों तरफ की 24 किलोमीटर की यात्रा के बदले कार सवार को 70 रुपये का भुगतान करना पड़ता है। ऐसे में दोनों तरफ की यात्रा करने वालों को इस रोड पर सफर करने के लिए 2 रुपये 92 पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से चुकाने पड़ते हैं। यही नहीं, सोहना के एंट्री प्वाइंट अलीपुर के करीब बनाए जा रहे जंक्शन तक कई स्थानों पर निर्माण कार्य अभी भी चल रहा है। नियमानुसार पूरी तरह से चालू हो जाने के 45 दिन बाद ही टोल वसूली शुरू की जा सकती है। गौर हो कि अनेक हाईवे पर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर ही टोल प्लाजा हैं।
स्थानीय लोग परेशान हैं। कई गांव ऐसे हैं जो टोल के दूसरी ओर बसे गांवों तक पहुंचने के लिए एक्सप्रेस-वे का प्रयोग ही नहीं कर सकते, लेकिन इन्हें टोल शुल्क चुकाना पड़ रहा है। गांव महेंदवाड़ा निवासी नवीन शर्मा कहते हैं कि उन्हें विभिन्न कार्यों के लिए कई दफा भोंडसी, नयागांव व टीकली-अकलीमपुर जाना पड़ता है। एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश व निकासी के मार्ग चंद निर्धारित स्थानों पर ही हैं, ऐसे में वह सिर्फ सर्विस लेन का ही प्रयोग कर सकते हैं। वह सवाल उठाते हैं कि एक किलोमीटर भी एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल किए बिना भारी भरकम टोल शुल्क क्यों दें। रोहताश बेदी का कहना है कि सोहना और गुरुग्राम के बीच एक्सप्रेस-वे का निर्माण होने से सफर में लगने वाली समय अवधि बेशक कम हो गई लेकिन टोल प्लाजा स्थापित होने के कारण दोनों ओर के लोगों के बीच दूरियां बढ़ गई हैं। टोल प्लाजा के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले पहलवान सतबीर खटाणा का कहना है कि आसपास के 30 गांवों को जब तक टोल शुल्क से छूट नहीं मिलेगी तब तक हर स्तर पर लड़ाई लड़ी जाएगी। वह कहते हैं कि जिन गांवों के लोग टोल रोड का उपयोग ही नहीं कर सकते वे टोल टैक्स क्यों दें। इसके विरोध में 29 मई को पंचायत का आह्वान किया गया है।
हादसों का कारण धीमी गति के वाहन
दिल्ली-वडोदरा सुपर एक्सप्रेस-वे तेज रफ्तार वाहनों के लिए है। इस पर अधिकतम 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से वाहन चलाने की अनुमति है। यहां धीमी गति के वाहनों का प्रवेश निषेध है। लेकिन हैरत की बात यह है कि दो पहिया और अन्य धीमे वाहनों को एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने से रोकने की कोई व्यवस्था ही नहीं है। इसके चलते हादसों की आशंका बनी रहती है।