पिंजौर, 11 नवबंर (निस)
पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस कालका में बृहस्पतिवार को जिला राजस्व विभाग द्वारा चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन के लिए अधिगृहीत की जाने वाली 21 गांवों की जमीन का अवार्ड घोषित किया गया जिसमें सैकड़ों किसान और भू-मालिक मौजूद थे। राजस्व अधिकारियों ने जैसे ही अवार्ड घोषित किया किसानों ने रोष व्यक्त करना शुरू कर दिया और पीडब्ल्यूडी परिसर में बैठकर ही केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय के विरुद्ध जमकर नारेबाजी करने लगे। किसानों ने चेतावनी दी कि जब तक उन्हें पूरा मुआवजा नहीं दिया जाता तब तक वे रेलवे लाइन नहीं निकलने देंगे।
इस अवसर पर प्रो. भाग सिंह कैरों, गुरभाग सिंह धमाला, नानक सिंह, गुरमेल सिंह, यादराम, बलविंदर सिंह सहित अनेक किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन तैयार कर मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की। सभी किसान पिंजौर गौशाला में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल की ओर ज्ञापन देने के लिए जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। अधिकारियों ने कहा कि आज सीएम का धार्मिक कार्यक्रम है इसके बाद किसान वापस लौट गए।
किसानों ने बताया कि एनएचएआई द्वारा पिंजौर-नालागढ़ एनएच फॉरलेन के लिए जमीन का मुआवजा साढ़े 4 करोड़ से लेकर साढ़े 8 करोड़ रुपये प्रति एकड़ घोषित किया गया है जबकि रेल लाइन के लिए मुआवजा मात्र 39 लाख से ढाई करोड़ रुपये प्रति एकड़ तक सीमित कर दिया है।
किसानों ने बताया कि रेल लाइन निकलने से किसानों के खेत दो फाड़ हो जाएंगे। फसल की बिजाई, कटाई, ढुलाई के लिए उन्हें अपने खेत में जाने के लिए रास्ता नहीं मिलेगा जिससे उनका नुकसान होगा ऊपर से मुआवजा भी कम। उन्होंने मुख्यमंत्री से एनएचएआई द्वारा घोषित मुआवजे जितनी राशि देने की मांग की।