चंडीगढ़/पंचकूला, 2 सितंबर (नस)
अपने बेटे की मौत को सुसाइड न मानते हुए हत्या बता रहे बुजुर्ग पिता ने चंडीगढ़ पुलिस से फिर से न्याय की गुहार लगाई है। 3 मई, 2009 को करण गोयल का शव फंदे से लटका हुआ मिला था। पुलिस ने अपनी जांच में करण की मौत को सुसाइड बताते हुए मामले में बनती कार्रवाई कर केस को बंद कर दिया जबकि पिता चन्द्रमोहन गोयल ने बेटे की मौत को हत्या बताते हुए चंडीगढ़ पुलिस से जांच के लिए गुहार पर गुहार लगाई। गोयल ने दावा किया कि जिस वक्त बेटा करण फंदे पर लटका हुआ पाया गया था, तब दरवाजा तोड़ा गया था। यानी हत्या के वक्त जिन लोगों ने बाहर से लाॅक लगाया, उन्हीं ने ही करण की मौत के तुरंत बाद लाॅक तोड़ कर बाॅडी को फंदे से नीचे उतारा था।
हाईकोर्ट ने दिये थे एसआईटी के आदेश
पीड़ित पिता चन्द्रमोहन ने कहा कि उन्हें 12 साल चंडीगढ़ पुलिस से जांच की मांग करते हुए बीत चुके हैं जबकि 2015 में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट यूटी पुलिस को मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर जांच करने के आदेश दे चुकी है।