सोनीपत, 17 जुलाई (निस)
कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर स्थित आंदोनकारी किसानों ने देशभर के सांसदों के लिए पीपुल्स व्हिप (मतदाता सचेतक) जारी किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने पत्र जारी कर सांसदों को नसीहत दी है कि वे 19 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र के दौरान संसद से न तो वाकआउट करें और न ही किसानों के मुद्दे के अलावा अन्य किसी मुद्दे पर चर्चा होने दें। यदि किसानों के व्हिप को सांसदों ने नहीं माना तो किसान सांसदों का हर मंच पर विरोध करेंगे। किसानों ने एनडीए सांसदों को लिखा है कि 8 महीने से चल रहे किसान आंदोलन के दौरान उनकी मांगों के पक्ष में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन समेत कई देशों की संसदों में चर्चा हो चुकी है, लेकिन दुर्भाग्य है कि भारत के सांसदों ने इस मुद्दे को अभी तक मुखरता से नहीं उठाया है। सरकार के सांसदों ने तो किसानों की मांगों के पक्ष में किसी भी मंच पर समर्थन नहीं किया। अब जिस तरह से राजनीतिक पार्टियां अपने सांसदों को संसद में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी करती हैं, उसी तरह वोटर भी अपने अधिकार का उपयोग करते हुए सभी सांसदों को पीपुल्स व्हिप जारी कर रहा है।
‘मांगें मानने को करें सरकार को बाध्य’
किसानों ने कहा है कि संसद में रहते हुए कृषि कानूनों, एमएसपी गारंटी कानून समेत सभी मांगों पर चर्चा की जाए और सरकार को बाध्य किया जाए कि वह किसानों की मांगों को मान ले। कोई भी सांसद सत्र के दौरान किसी अन्य मुद्दे को न उठाए बल्कि किसानों के मुद्दे पर ही चर्चा की जाए। किसानों ने नसीहत दी है कि मानसून सत्र के दौरान किसी भी सूरत में सांसद वाॅकआउट न करें।
पावरकट से परेशान होकर लगाया जाम
झज्जर, 17 जुलाई (हप्र)
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर चल रहे धरने के दौरान किसानों को भीषण गर्मी और उमस में पावर कट की समस्या से परेशान होना पड़ रहा है। गुस्साये किसानों ने शनिवार को बहादुरगढ़ के बाईपास पर स्थित दिल्ली-रोहतक राजमार्ग संख्या 9 पर जाखोदा मोड़ पर जाम लगा दिया। जाम के कारण यहां वाहनों की कतारें लग गईं। बाद में प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर किसानों को समझाया और बिजली आपूर्ति ठीक करने का आश्वासन देकर जाम खुलवाया। किसान अमरजीत सिंह मलान, विकास का कहना है कि वे यहां 8 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना सरकार का काम है। आंदोलन स्थल पर सरकार जानबूझकर बिजली कटवा रही है। जिसे किसानों को भीषण गर्मी के कारण काफी परेशान होना पड़ रहा है। किसानों ने सरकार से मांग की है कि आंदोलन स्थल पर बिजली पानी की समुचित व्यवस्था कराई जाये और मेडिकल सुविधा देने के साथ-साथ कोरोना वैक्सीन भी शुरू की जाये। अधिकारियों के आश्वासन के बाद किसान वापस आंदोलन स्थल पर पहुंच गये।