गुरुग्राम, 27 जुलाई (हप्र)
जाटौली एसटीपी के पानी को महचाना गांव के सीमा क्षेत्र में छोड़ने का महचाना के ग्रामीणों ने कड़ा विरोध किया। बुधवार को जब गांव महचाना व ढाणी के निवासियों को इसका कार्य शुरू होने की जानकारी मिली तो भारी संख्या में बुजुर्ग, महिलाएं व युवा मौके पर पहुंच गए। इन्होंने मौके पर मौजूद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष साफ कर दिया कि किसी भी सूरत में दूसरे गांव का गंदा पानी अपने यहां नहीं छोड़ने देंगे।
मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने पटौदी विधायक व सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए। महचाना के ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि अगर सरकार व प्रशासन इस पानी को नजफगढ़ ड्रेन में भी लेकर जाना चाहते हैं तो पूरे प्रोजेक्ट का ले-आउट प्लान व प्रोजेक्ट कांट्रेक्ट डिटेल सार्वजनिक की जाए। साथ ही इन्होंने कहा कि महचाना, ढाणी से मुसैदपुर वाले रास्ते की बजाय किसी दूसरे रास्ते से पानी निकासी की व्यवस्था की जाए। ग्रामीणों ने कहा कि पूरे इलाके को पानी सप्लाई करने वाली पेयजल योजना का हिस्सा बादली पाइपलाइन इसी रास्ते से गुजर रही है। ऐसे में यदि यहां से गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था की तो पूरे गांव में अशुद्ध पेयजल का संकट हमेशा बने रहेगा।
इस मौके पर मौजूद ब्रह्म सिंह, कंवरपाल, उमेद प्रधान, जयकिशन, कृष्ण, मनीष एडवोवेट, राहुल चैहान, बबलू, राजकुमार करोला, भारत भूषण, कुलदीप, कोमल, दीपक व जगदीप ने आरोप लगाया कि बीते तीन महीने से पब्लिक हेल्थ एवं इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के अधिकारी राजनीतिक दवाब के कारण व जटौली मंडी के एसटीपी की अपनी विफलता छिपाने के लिए गंदे पानी को उनके गांव में छोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। इन्होंने कहा कि गांव महचाना, फरीदपुर व खंडेवला के निवासी भी इसका विरोध कर चुके हैं। बुधवार को पुनः ग्रामीणों के विरोध के बाद काम तो बंद कर दिया गया। ग्रामीणों ने मौके पर मौजूद अधिकारियों से कहा कि इस बार यदि एसटीपी का पानी छोड़ने का प्रयास किया गया तो लोग आरपार की लड़ाई लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे।