जगाधरी, 17 जनवरी (निस)
करीब तीन माह पहले प्राचीन सूर्यकुंड मंदिर अमादलपुर के महंत स्वामी अखिलानंद ब्रह्मचारी ब्रह्मलीन हो गए थे। उनके स्वर्गवासी होने के बाद मंदिर में पहले जैसी व्यवस्था अभी तक तो नहीं बन पाई है। देश-विदेश में प्रसिद्ध इस प्राचीन मंदिर में दशकों से कई धार्मिक आयोजन निरंतर चल रहे थे। गीता पाठ, रामायण पाठ, श्री रामनाम जाप का आयोजन 24 घंटे हो रहा था। इसके अलावा कई साल से यहां पर अति विष्णु महायज्ञ भी चल रहा था। इसमें रोजाना हजारों आहूतियां दी जाती थीं। जानकारी के अनुसार अब इनमें से कुछ आयोजन नहीं हो पा रहे हैं। इससे यहां पर निरंतर आने वाले श्रद्धालु मायूस हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक नामचीन व्यक्ति का कहना था कि वह यहां पर करीब तीन दशक से निरंतर आता रहा है। महंत के निधन के बाद पहले वाली बात नहीं रही है। उनका मानना है कि इस प्राचीन पवित्र स्थान पर पहले की तरह श्रद्धालु नहीं आ रहे हैं। मंदिर कमेटी के पदाधिकारी पूर्व सरपंच राजेंद्र राणा का कहना है कि आचार्य अतुल जी महाराज व्यवस्था कायदे से देख रहे हैं। वैसे भी समय -समय पर कमेटी की मीटिंग होती रहती है। पहले वाली बात बनने में कुछ समय तो लगता ही है। राजेंद्र राणा का कहना है कि जल्दी ही स्व. मंहत अखिलानंद की समाधि बनाने की योजना बनाई जाएगी।