ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 24 अप्रैल
खुड्डा लाहौरा में नगर निगम की टीम के आने की सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने गांव के चारों ओर बैरिकेड लगा दिए। गलियों में ट्रैक्टर खड़े कर दिए। रविवार सुबह निगम टीम पुलिस के साथ पहुंची, लेकिन ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए उन्हें वापस लौटना पड़ा। ग्रामीणों का कहना था कि वो किसी भी सूरत में टीम को गांव में नहीं घुसने देंगे। उन्हाेंने कहा कि निगम की टीम चार नंबर, किशनगढ़, कैंबवाला में पीला पंजा चला चुकी है, लेकिन वो अपने गांव में ऐसा नहीं होने देंगे। ग्रामीणों ने कहा कि यह उनके बाप-दादा की जमीन है, सरकार उनके हक पर डाका नहीं डाल सकती।
तो बिजली-पानी के कनेक्शन कैसे मिले : ग्रामीणों का कहना था कि उनके पास मकानों की रजिस्ट्रियां हैं। उनके मकान अवैध नहीं हैं। यदि मकान अवैध होते तो उनकी रजिस्ट्री कैसे हुई, बिजली-पानी के कनेक्शन कैसे मिले। गांव के पूर्व सरपंच बलविंद्र सिंह ने कहा कि प्रशासन ग्रामीणों के साथ ज्यादती कर रहा है। गांव में अतिक्रमण नहीं है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर हम गलत हैं तो गांव में सुविधाएं देने वाले अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
विपक्ष ने खोला मोर्चा : नगर निगम की टीम के आने की सूचना मिलने पर आम आदमी पार्टी के पार्षद मौके पर पहुंच गए। आप पार्षद प्रेमलता, तरुणा मेहता, अंजू पटियाल, दमनप्रीत सिंह, नेहा और वार्ड पार्षद जसविंद्र ने निगम कार्रवाई का जमकर विरोध किया। आप पार्षदों का कहना था कि वो किसी भी कीमत पर निगम को कार्रवाई नहीं करने देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब भाजपा के इशारे पर हो रहा है। चंडीगढ़ महिला कांग्रेस की अध्यक्ष दीपा दुबे ने कहा कि निगम जानबूझकर मकान ढहाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस संबंध में चंडीगढ़ के प्रशासक को शिकायत करेगी। उन्होंने सांसद किरण खेर से पूछा कि आम लोगों को क्यों परेशान किया जा रहा है। प्रशासन का बुलडोजर बड़े लोगों पर क्यों नहीं चल रहा, जिन्होंने अतिक्रमण किया हुआ है।