चंडीगढ़, 13 फरवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार ने साल 2025 तक नई शिक्षा नीति को लागू करने की तैयारियों में जुट गई है। इसी के तहत प्राथमिक शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की बारीकियां समझाई जाएंगी। इसके लिए राज्य के शिक्षा विभाग ने प्राथमिक शिक्षकों को ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया है। प्राथमिक शिक्षक हरियाणा सरकार के इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए ट्रेनिंग कार्यक्रम का बहिष्कार करने की तैयारी में हैं। प्रदेश सरकार ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है जो प्रशिक्षण कार्यक्रमों का बहिष्कार करेंगे।
केंद्र सरकार ने राज्यों को 2030 तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति हर हाल में लागू करने के निर्देश दिए हैं। हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसने 2025 तक अपने प्रदेश में इस शिक्षा नीति को लागू करने का भरोसा केंद्र सरकार को दिलाया है। अभी तक कोरोना की वजह से स्कूल बंद थे, लेकिन जैसे ही स्कूल खुले तो शिक्षा विभाग ने प्राथमिक शिक्षकों का ट्रेनिंग प्रोग्राम जारी कर दिया है। निपुण हरियाणा मिशन के तहत फाउंडेशन लिटरेसी एंड न्यूमरेसी (एफएनएल) के तहत प्राथमिक शिक्षकों का यह ट्रेनिंग प्रोग्राम मात्र तीन दिन का होगा। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम से पहली से तीसरी कक्षा के बच्चों को पढ़ाने में आने वाली बाधाएं खत्म होंगी। एक अप्रैल 2022 से नया शिक्षण सत्र आरंभ होगा। इसी तरह, शिक्षा विभाग पहली कक्षा के बच्चों के लिए विद्या प्रवेश का तीन माह का ट्रेनिंग कोर्स कराना चाहती है, ताकि शिक्षक को नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के तहत बच्चों को पढ़ाने में किसी तरह की परेशानी न हो, लेकिन सरकार का यह फैसला शिक्षकों का रास नहीं आ रहा है।
तत्काल स्थगित करे सरकार : संघ
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा के प्रधान जगजीत सिंह, राज्य महासचिव तरुण सुहाग, कोषाध्यक्ष सतीश शर्मा व महासचिव सुनील बास ने कहा कि या तो इन कैंप को तत्काल स्थगित किया जाए, अन्यथा पूरे प्रदेश में इन कैंप का पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा। जगजीत सिंह ने कहा कि ट्रेनिंग कैंप आयोजित करने के अलावा शिक्षा विभाग ने बच्चों को वर्क बुक्स आवंटित करने की जिम्मेदारी भी सौंपी है। पहली से तीसरी कक्षा के बच्चों को 17 फरवरी तक किताबें दी जानी हैं। शिक्षक नेताओं का कहना है कि 20 मार्च तक केवल 23 दिन ही अब पढ़ाई के लिए बचते हैं, क्योंकि 20 मार्च के बाद वार्षिक परीक्षाओं का आयोजन होना तय है।