दिनेश भारद्वाज
चंडीगढ़, 28 फरवरी
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा रद्द की गई संस्कृत व अंग्रेजी शिक्षकों की भर्ती नये सिरे से होगी। इन भर्तियों में शैक्षणिक योग्यता व अन्य कई शर्तों के चलते विवाद था। दोनों भर्तियों को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पिछले कई वर्षों से केस भी लंबित थे। मामला सुप्रीम कोर्ट तक जाने के आसार थे। इसी वजह से आयोग ने सरकार के निर्देशों पर इन भर्तियों को रद्द किया।
अब सरकार ने शैक्षणिक व दूसरी योग्यताओं व शर्तों को दुरुस्त करके नये सिरे से भर्ती करने के निर्देश भी आयोग को दे दिए हैं। यह प्रक्रिया अगले वित्तीय वर्ष यानी अप्रैल के बाद ही शुरू होने की उम्मीद है। हालांकि इन दोनों भर्तियों के लिए लिखित परीक्षा भी हो चुकी थी और उसके नतीजे भी घोषित हो गए थे। टीजीटी अंग्रेजी के लिए इंटरव्यू भी हो गए थे लेकिन मामला कोर्ट में लंबित होने की वजह से सब काम रुका हुआ था।
बताते हैं कि अंग्रेजी शिक्षकों के लिए ग्रेजुशन में सामान्य अंग्रेजी के अलावा इंग्लिश (इलेक्टिव) के भी डिग्रीधारी थे। इन्हें लेकर शिक्षा विभाग का अपना तर्क था और यूनिवर्सिटी की अपनी सिफारिशें थी। इसी के चलते मामला फंसा हुआ था। सीएम मनोहर लाल खट्टर का मानना है कि संस्कृत व अंग्रेजी शिक्षकों की भर्ती के मामले कोर्ट में लंबित होने की वजह से इन्हें रद्द करके नये सिरे से करने का फैसला लिया है। कोर्ट के फैसल में लम्बा वक्त लग सकता था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट तक भी केस जाते।
उन्होंने कहा कि जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। संस्कृति शिक्षकों के 650 के करीब और टीजीटी इंग्लिश के 1300 से अधिक पदों के लिए भर्ती होनी थी। कई अन्य पदों पर भी भर्ती होगी। ग्रुप-डी की भर्तियों से जुड़े सवाल पर सीएम ने कहा कि इसके लिए कॉमन पात्रता परीक्षा कर्मचारी चयन आयोग लेगा। इसके लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया जा रहा है। बहुत जल्द एक टेस्ट होगा और इसकी मैरिट बनेगी। उन्होंने कहा कि मैरिट में आने वाले युवाओं को ही विभागों की जरूरत के हिसाब से ग्रुप-डी की नौकरियां मिलेंगी।
उन्होंने कहा कि ग्रुप-डी की नौकरियों के लिए कॉमन पात्रता परीक्षा के बाद दूसरे किसी एग्जाम की जरूरत नहीं पड़ेगी। हर साल यह परीक्षा होगी और एक बार पास करने के बाद तीन वर्षों तक रिजल्ट मान्य रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार में अभी तक 80 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों की तरह नौकरियों में भाई-भतीजावाद नहीं चलता। मैरिट के आधार पर युवाओं को रोजगार मिल रहा है।
75 प्रतिशत आरक्षण की फाइल एजी के पास
मानसून सत्र में सरकार ने प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण स्थानीय युवाओं के लिए तय करने का बिल पास किया था। यह बिल मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास पहुंचा। राजभवन से कुछ आपत्तियां लगाई गईं। श्रम एवं रोजगार मंत्री होने के नाते डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला ने इन कमियों को दूर किया। अब यह फाइल एडवोकेट जनरल (एजी) के पास है। एजी की ओर से कानूनी राय के बाद यह फाइल राजभवन भेजी जाएगी। सीएम का कहना है कि इसमें किसी तरह की अड़चन नहीं है।