गुरुग्राम, 8 मई (हप्र)
कोरोना ड्यूटी पर कार्यरत एनएचएम कर्मियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया कि सरकार लगातार उनकी समस्याओं और मांगों को अनदेखा कर रही है। इससे एनएचएम कर्मियों में रोष बढ़ता जा रहा है।
एनएचएम कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों की बैठक में विभिन्न समस्याओं और मांगों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। इन्होंने बताया कि एनएचएम के अंतर्गत हरियाणा में लगभग 13 हजार 500 कर्मचारी कार्यरत हैं जिन्होंने गत वर्ष कोरोना काल मे अग्रिम पंक्ति में सेवा प्रदान करने के साथ सरकार द्वारा घोषित दोगुना वेतन लेने से मना कर दिया था। कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष रिहान रज़ा ने बताया कि हम गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी महामारी के रोकथाम व उपचार में अग्रिम पंक्ति पर सेवा प्रदान कर रहे है। एनएचएम कर्मी पिछले एक वर्ष से लगातार बिना छुट्टी के सेवा दे रहे हैं। कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है।
एनएचएम के सैकड़ों की संख्या में कर्मी संक्रमित हुए, कई साथी काल का ग्रास बने हैं फिर भी इन कर्मचारियों के लिए अस्पतालों में उपचार का कोई विशेष प्रबंधन नही किया गया है। ज्यादातर संक्रमित कर्मियों को प्राइवेट अस्पतालों में अपनी जेब से महंगा इलाज कराना पड़ा। जिलों द्वारा सरकारी आदेशों की अवलेहना करते हुए इनका वेतन तक काट लिया। इस बारे सीएम व स्वास्थ्य मंत्री से लेकर अभी अधिकारियों को भी अवगत करवाया लेकिन कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं। उन्होंने इस कठिन समय में एनएचएम कर्मियों के समक्ष पेश आ रही समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से करें तथा उनकी लंबित मांगों को शीघ्र मानकर पूरा करने की गुजारिश की। साथ ही इस बात की चेतावनी भी दी कि यदि अब उनके धैर्य की परीक्षा ली गई तो कर्मचारी हड़ताल पर जा सकते हैं।
स्वास्थ्य क्षेत्र के राष्ट्रीयकरण के लिए 3 संगठनों ने किया प्रदर्शन
गोहाना (निस) : समूचे स्वास्थ्य क्षेत्र का राष्ट्रीयकरण करने, जीडीपी का कम से कम 10 प्रतिशत हिस्सा इस पर खर्च करने, स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार बनाने, सभी अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन, बेड, वेंटिलेटर, आईसीयू व दवा मुफ्त उपलब्ध कराने की मांग को लेकर शनिवार को समता चौक स्थित शहीद उधम सिंह सभागार में प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन सोशल डिस्टेंसिंग के साथ किया गया। प्रदर्शन जन चेतना मंच, जन संघर्ष मंच और समतामूलक महिला संगठन ने भाग लिया। नेतृत्व जन चेतना मंच के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. सीडी शर्मा ने किया, संयोजन जन संघर्ष मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नरेश विरोधिया के साथ समतामूलक महिला संगठन की प्रदेश संयोजिका डॉ. सुनीता त्यागी ने किया। डॉ. सीडी शर्मा ने कहा कि ऑक्सीजन और दवा उपलब्ध न होने से मारे गए कोरोना मरीजों के परिजनों को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। वर्तमान में रेमडेसिविर इंजेक्शन, फेविपिरेविर की गोलियां, पल्स ऑक्सीमीटर तथा ऑक्सीजन आदि की जबरदस्त कालाबाजारी हो रही है, इसे रोका जाए।
‘स्वास्थ्य कर्मियों को निकालना आम लोगों के साथ खिलवाड़’
भिवानी (हप्र) : कोरोना महामारी के बीच सरकारी अस्पतालों से कोरोना योद्धा कहलाने वाले ठेका कर्मियों को नौकरी से निकालना आम जनता की जिन्दगी से खिलवाड़ है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप कर नौकरी से निकाले सभी कर्मियों को तुरंत ड्यूटी पर लेने, ठेकेदारों व प्रिंसिपल एम्लायर के खिलाफ कड़ी कार्य कार्रवाई करने की मांग की है। सकसं ने दो टूक कहा है कि अगर नौकरी से निकाले गए कर्मियों को वापस ड्यूटी पर नहीं लिया गया और बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया गया तो राज्यभर के सभी स्वास्थ्य ठेकेकर्मी कड़ा फैसला लेने पर मजबूर होंगे। इसके लिए विभाग व सरकार जिम्मेदार होगी।
कल काले रिबन बांधकर काम करेंगे स्वास्थ्य कर्मी
हिसार (हप्र) : कोरोना योद्धाओं की मांगों व समस्याओं की बार-बार मांग करने पर अनदेखी करने के विरोध में भारतीय मजदूर संघ एवं हरियाणा राज्य कर्मचारी संघ संबंधित स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने सोमवार को काले रिबन बांधकर काम करने और 24 मई को सीएम को ज्ञापन भेजने का फैसला लिया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय कंबोज ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मचारी वर्ग की समस्याओं को लगातार अनदेखा किया जा रहा है।