करनाल, 31 अगस्त (हप्र)
किसान सभा ने करनाल के एसडीएम आयुश सिन्हा को बर्खास्त करने और पूरे घटनाक्रम की उच्च न्यायालय के जज से जांच करवाने की मांग करते हुए कहा कि अगर मांगें जल्द स्वीकार नही की गई तो आंदोलन तेज होगा।
सभा के पदाधिकारियों ने लाठीचार्ज के बाद दम तोड़ चुके रायपुर जाटान गांव के किसान सुशील काजल के घर जाकर परिवार को सभा की तरफ से एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई। सभी के प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय वित्त सचिव कृष्ण प्रसाद, राज्य प्रधान फूल सिंह श्योकंद, राज्य कार्यकारी महासचिव सुमित दलाल, डॉ सुरेंदर मलिक, डॉ अशोक अरोड़ा, सीटू जिला सचिव जगपाल, रोहताश नगूरां व जनवादी महिला समिति की जिला प्रधान जरासो शामिल रहीं।
इस मौके पर किसान सभा के राज्य कार्यकारी महासचिव सुमित दलाल ने शहीद किसान के बलिदान को सरकार के इशारे पर प्रशासन द्वारा की गई हत्या बताया। उन्होंने कहा कि करनाल प्रशासन सुशील की मौत के वास्तविक कारण को छिपा कर हृदय गति का रुकना बता रहा है जबकि मृत्यु पुलिस द्वारा बर्बर तरीके से किये गए लाठीचार्च व सिर में चोट लगने से हुई है।
किसान सभा राज्य प्रधान फूल सिंह श्योकंद ने कहा कि आज प्रदेश में जंगल राज कायम है इसलिए खुलेआम सरकार के अधिकारी निर्दोष किसानों का सिर फोड़ने के आदेश दे रहे हैं। किसान सभा ने सरकार से एसडीएम आयुश सिन्हा को तुरंत बर्खास्त करने, घटनाक्रम की उच्च न्यायालय के जज से करारने, दोषी अधिकारियों पर आपराधिक धाराओं के तहत मुक़दमा दर्ज करने, शहीद किसान के परिवार को 25 लाख मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की।
विरोध में लामंबद हुई युवा कांग्रेस, बार एसोसिएशन
करनाल (हप्र) : करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर पुलिस द्वारा किसानों पर लाठीचार्ज के विरोध में मंगलवार को करनाल में मुख्यमंत्री निवास के बाहर रोष प्रदर्शन करते हुए सरकार को ज्ञापन भेजा। इसके बाद जिला बार एसोसिएशन से जुड़े वकीलों ने भी सचिवालय में रोष प्रदर्शन करते हुए डीसी और एसपी को डयूटी मजिस्ट्रेट आयुष सिंहा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर ज्ञापन दिये। करनाल स्थिति मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने निकले हरियाणा युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने सीएम निवास के पास बेरिकेट लगाकर रोक लिया लेकिन कार्यकर्ता बेरिकेट पर चढ़कर रोष प्रदर्शन करते रहे। प्रदर्शन में पंकज गाबा, सचिन बुडनपुर, संजय सांगवान, राजीव, नितिन मल्होत्रा, सिकंन्दर संधु, विशाल सैनी, हरमन, हर्ष गुज्जर आदि मौजूद रहे। दूसरी ओर, करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के दौरान पुलिस कर्मियों द्वारा एडवोकेट मनीष लाठर को निशाना बनाये जाने से गुस्साये वकीलों ने भी मंगलवार को रोष प्रदर्शन करते हुए सचिवालय में जाकर डीसी और एसपी को ज्ञापन सौंपे। डयूटी मजिस्ट्रेट आयुष सिन्हा को बर्खास्त करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि अगर उक्त अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नही हुई तो मामले को प्रदेश स्तर पर उठाया जायेगा।
किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस का प्रदर्शन कल
कुरुक्षेत्र (हप्र) : हरियाणा के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक अरोड़ा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा अपनी सरकार के 2500 दिन की उपलब्धियां गिनाने पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश सरकार 9 माह से घरों में कैद है और 9 माह से किसान हरियाणा की सड़कों पर पड़ा है। 600 से अधिक किसान मारे जा चुके हैं, क्या यही उपलब्धि है प्रदेश सरकार की? अशोक अरोड़ा अपने निवास स्थान पर पत्रकारों से वार्तालाप कर रहे थे। इस अवसर पर कांग्रेस नेता सुभाष पलवल, पूर्व नगर पार्षद मन्नू जैन और सुभाष मिर्जापुर भी उपस्थित थे। अशोक अरोड़ा ने जानकारी दी कि करनाल में किसानों पर किए गए लाठीचार्ज, नये भूमि अधिग्रहण बिल संशोधन और जन विरोधी परिवार पहचान पत्र जैसे मुद्दों को लेकर कांग्रेस जिला स्तर पर कुरुक्षेत्र में 2 सितंबर को प्रदर्शन केरगी। अरोड़ा ने कहा कि जो हरियाणा प्रति व्यक्ति आय और पूंजी निवेश में पहले नंबर वन पर था आज वही बेरोजगारी और अपराध में नंबर एक पर है, क्या इसी को मुख्यमंत्री अपनी सरकार की उपलब्धि मानते हैं? लगभग 2 दर्जन से अधिक बार हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पेपर लीक हो चुके हैं। बेरोजगारी बढ़ रही है, कर्मचारी चयन आयोग के जिस चेयरमैन को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते निलंबित किया गया उसे ही दोबारा उसी पद पर बहाल कर दिया।
जन संघर्ष मंच ने फूंका पुतला, किया प्रदर्शन
जन संघर्ष मंच हरियाणा की कुरुक्षेत्र जिला इकाई मनरेगा मजदूर यूनियन की जिला इकाई ने पुलिस किसानों पर किये गये बर्बर लाठीचार्ज के विरोध में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का पुतला फूंका और रोष प्रदर्शन किया। जिसका नेतृत्व मंच की जिला सचिव चन्द्र रेखा, जिला प्रधान संसार चन्द्र ने किया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मंच की प्रान्तीय महासचिव सुदेश कुमारी जिला उपाध्यक्ष ऊषा कुमारी ने कहा कि किसानों पर पुलिस का यह लाठीचार्ज खट्टर सरकार का पूर्णतः सुनियोजित था।