वाशिंगटन, 12 फरवरी (एजेंसी)पश्चिमी खुफिया अधिकारियों द्वारा यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का खतरा जताए जाने के बीच अमेरिका यूक्रेन में अपने दूतावास को खाली करने की तैयारी कर रहा है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि विदेश मंत्रालय जल्द ही यह घोषणा करने वाला है कि रूसी आक्रमण की आशंका के मद्देनजर कीव दूतावास के सभी अमेरिकी कर्मचारियों को पहले ही देश छोड़ना होगा। विदेश मंत्रालय ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। मंत्रालय ने पहले यूक्रेन में अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों के परिवारों को देश छोड़ने का आदेश दिया था। इसके अलावा गैर-आवश्यक कर्मियों से कहा गया था कि वे वहां से प्रस्थान करना चाहते हैं या नहीं, यह उनके विवेक पर निर्भर है। नया कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है, जब अमेरिका ने यूक्रेन पर संभावित रूसी आक्रमण के बारे में अपनी चेतावनियों को बढ़ा दिया है। अधिकारियों ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि सीमित संख्या में अमेरिकी राजनयिकों को यूक्रेन के सुदूर पश्चिम में नाटो के सहयोगी पोलैंड के साथ लगती सीमा के पास स्थानांतरित किया जा सकता है, ताकि देश में अमेरिका की राजनयिक उपस्थिति बरकरार रखी जा सके। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने शुक्रवार को घोषणा की कि अमेरिका नाटो सहयोगियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाने और रूस के यूक्रेन पर हमले की आशंका के मद्देनजर पोलैंड में पहले से मौजूद 1,700 सैनिकों के अलावा वहां 3,000 और सैनिकों को भेज रहा है। पेंटागन द्वारा निर्धारित नियमों के तहत जानकारी प्रदान करने वाले एक रक्षा अधिकारी के अनुसार, अतिरिक्त सैनिक अगले कुछ दिनों में उत्तरी कैरोलाइना के फोर्ट ब्रैग से रवाना होंगे और अगले सप्ताह की शुरुआत में वे पोलैंड में होंगे। पोलैंड में तैनात अमेरिकी सैनिकों के अलावा जर्मनी में स्थित लगभग 1,000 अमेरिकी सैनिक भी रोमानिया में स्थानांतरित किए जा रहे हैं। इसके अलावा 18वीं एयरबोर्न कोर मुख्यालय इकाई के 300 सैनिक जर्मनी पहुंचे हैं, जिसकी कमान लेफ्टिनेंट जनरल माइकल ई. कुरिल्ला के हाथों में है। अमेरिका के लगभग 80,000 सैनिक पहले से ही यूरोप के अपने स्थायी केंद्रों पर मौजूद हैं और नियमित अंतराल पर बारी-बारी से वहां तैनात होते रहते हैं।