पुरुषोत्तम शर्मा/ हप्र
सोनीपत, 23 दिसंबर
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर डटे किसानाें ने केंद्र सरकार के पत्र का बुधवार को जवाब देते हुए कहा कि वक्त खराब करने के बजाय ठोस प्रस्ताव भेजें। उन्होंने कहा कि किसान संगठन बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन खुले मन व साफ नीयत से सरकार वार्ता को कब आगे बढ़ाएगी, यह उसे तय करना है। किसानों ने स्पष्ट किया कि उन्हें संशोधन मंजूर नहीं, अगर कानून रद्द करते हैं, तो ही बातचीत करेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार हमारे पाले में गेंद फेंकने का प्रयास कर रही है, जबकि हमने कह दिया कि गेंद आपके पाले में पड़ी है। किसान नेताओं का कहना है कि अब तक हुई पांच दौर की वार्ता के बावजूद सरकार वहीं अटकी है, जहां पहले दिन थी, अगर इससे आगे बढ़ने का सरकार का मन है, तो प्रस्ताव भेजे, उस पर किसान विचार करेंगे।
यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए किसान नेता योगेंद्र यादव, शिव कुमार काका, गुरनाम सिंह चढूनी, हनान मौला, युद्धबीर सिंह ने कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन को बदनाम कर रही है। यह आंदोलन किसानों का है और सरकार कभी अलगाववादी बताती है, तो कभी क्षेत्रवाद का रंग देने का प्रयास कर रही है। सरकार चालाकी का सहारा लेकर फूट डालने की कोशिश कर रही है। भाजपा के नेता और कागजी संगठनों को किसान बताया जा रहा है। किसानों के प्रतिनिधियों ने बुनियादी मुद्दे उठाते हुए कानून निरस्त करने की मांग की है, लेकिन सरकार महज संशोधन करने की बात कर रही है। पांच दौर की बातचीत में वही बातें सरकार बदल-बदल कर रख रही है। किसान नेताओं ने कहा, हमारी मांग है कि सरकार अपनी जिद छोड़े, बड़े मन के साथ किसानों को बुलाए और कृषि कानूनों को रद्द करे।
अन्नदाता दिवस पर त्यागा भोजन : किसानों ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती अन्नदाता दिवस के रूप में मनाई और एक समय का भोजन त्यागा। इसके अलावा संगठनों के 11 सदस्य अलग से अनशन पर रहे। किसानों ने कहा कि सरकार जानबूझ कर उन्हें आंदोलन तेज करने के लिए मजूबर कर रही है। ठंड में किसान तो तड़प रहा ही है, साथ में आम लोगो को भी परेशानी उठानी पड़ रही है। किसान नेताओं ने सरकार पर ज्यादती का आरोप लगाते हुए कहा कि किसान आंदोलन में शामिल होने वालों से 50-50 लाख रुपये के मुचलके भरवाए जा रहे है, उन्हें बैरिकेड लगाकर रोका जा रहा है।
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे किसानों से बुधवार को बात की और अपनी पार्टी टीएमसी के समर्थन का आश्वासन दिया। नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रति समर्थन जताने के लिये टीएमसी सांसदों डेरेक ओ ब्रायन, शताब्दी रॉय, प्रसून बनर्जी, प्रतिमा मंडल और मोहम्मद नदीमुल हक के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात भी की। टीएमसी के एक नेता ने कहा,‘हमारी पार्टी की प्रमुख ने किसानों से फोन पर बात की। किसानों ने उनसे धरना स्थल पर आने का अनुरोध किया। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया है कि पार्टी उनकी मांगों का समर्थन करती है।’