चंडीगढ़, 22 अप्रैल (ट्रिन्यू)
पंजाब की राजनीति में अलग-थलग पड़ चुकी कांग्रेस को दोबारा खड़ा करने का जिम्मा युवा कंधों पर आ गया है। नवजोत सिद्धू को हटाने के बाद प्रधान बने अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में कार्यकारी प्रधान भारत भूषण आशु के साथ कार्यभार संभाल लिया। परंपरा के अनुसार नवजोत सिद्धू ने राजा वड़िंग को कुर्सी पर नहीं बिठाया। यह रस्म पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी व अन्य नेताओं ने निभाई। सिद्धू कांग्रेस भवन तो आए लेकिन समारोह स्थल से दूर ही रहे। सिद्धू मीडिया से बातचीत करके राजा वड़िंग के कुर्सी पर बैठने से पहले ही चले गए। वड़िंग कार्यभार संभालने से पहले पंजाब के 43 विधानसभा हलकों का दौरा करके वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात कर चुके हैं। राजा वड़िंग को कार्यभार सौंपने वाले पूर्व प्रधान नवजोत सिद्धू कांग्रेस भवन तो पहुंचे लेकिन न तो वह पंडाल में आए और न ही पार्टी प्रोटोकॉल के अनुसार राजा वडि़ंग को कार्यभार सौंपा।
पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 117 में से केवल 18 सीटों पर ही जीत मिली थी। जिसके चलते हाईकमान ने नवजोत सिद्धू से इस्तीफा ले लिया था। उनके स्थान पर राजा वड़िंग को अध्यक्ष तथा पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। शुक्रवार को चंडीगढ़ स्थित पंजाब कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा, विधानसभा में उप नेता राजकुमार चब्बेवाल समेत तमाम वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में पहले भारत भूषण आशु तथा बाद में अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कार्यभार संभाला।
पंजाबभर से आए जिला अध्यक्षों को संबोधित करते हुए भारत भूषण आशु ने कहा कि आज पार्टी लीडरशिप के सामने बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि पार्टी में किसी व्यक्ति विशेष के कार्यक्रम लागू नहीं किए जाएंगे न ही किसी एक व्यक्ति की ब्रांडिंग होगी। पार्टी के जो कार्यक्रम होंगे उसे ब्लाक व जिला स्तर पर लागू किया जाएगा। वड़िंग की ताजपोशी में पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, सांसद मनीष तिवारी, पूर्व प्रधान शमशेर दूलों, राजकुमार वेरका, पूर्व डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा समेत कई नेता पहुंचे वहीं चार्ज छोड़ने वाले पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू तथा उनके समर्थकों के आने पर अंतिम समय तक सस्पेंस बना रहा। सिद्धू ने कार्यक्रम शुरू होने से कुछ मिनट पहले अपने समर्थकों के साथ फोटो ट्वीट करके कहा कि वह कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे हैं। सिद्धू कांग्रेस भवन तो पहुंचे लेकिन न तो पंडाल में गए और न ही मुख्य मंच पर नजर आए।
नेताओं-वर्करों को थ्री डी का फार्मूला दिया
वड़िंग ने नेताओं व कार्यकर्ताओं को डिस्पलिन, डैडिकेशन व डायलॉग ‘थ्री-डी’ का फार्मूला देते हुए कहा, अनुशासनहीनता को किसी भी सूरत में बर्दाशत नहीं किया जाएगा। अगर कोई नेता यह सोचता है कि वह पार्टी प्लेटफार्म से अलग चलकर खुद का कार्यक्रम लागू करेगा तो वह उसे यह बात छोड़ देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक सोच या विचारधारा है जो कभी खत्म नहीं होती।
मैं लेता हूं हार की जिम्मेदारी : चन्नी
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में हुई पार्टी की हार को लेकर वह खुद जिम्मेदारी लेते हैं। विधानसभा चुनाव के बाद सक्रिय राजनीति से दूर चल रहे चरणजीत सिंह चन्नी शुक्रवार को पहली बार कांग्रेस भवन पहुंचे। यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पार्टी ने चुनाव से पहले उन्हें पंजाब की कमान सौंपी। 111 दिन की सरकार में उन्होंने अपनी तरफ से बेहतर करने का प्रयास किया। पिछले साढे चार के दौरान पड़े गढ्ढे भरने के लिए 111 दिन कम पड़ गए। चन्नी ने कहा कि पार्टी ने उन्हें आगे रखकर चुनाव लड़ा लेकिन पार्टी हार गई। बतौर पूर्व मुख्यमंत्री वह चुनाव में हुई हार की जिम्मेदारी लेते हैं। कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू के बारे में किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार करते हुए चन्नी ने कहा कि संगठन की जिम्मेदारी उनके ऊपर थी, वह नेतृत्व के नाते हार की जिम्मेदारी लेते हैं।
संविधान की धज्जियां उड़ा रहे मंत्री : तरुण चुघ
लुधियाना (निस) : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने आरोप लगाया कि पंजाब के मंत्री अपनी शपथ को दरकिनार कर अपने विभागों की गोपनीय फाईलों को दिल्ली में अपने आकाओं को दिखाकर संविधान के प्रति निष्ठावान रहने की ली गई शपथ की धज्जियां उड़ा रहे हैं। श्री चुघ आज यहां भाजपा नेता सुमन वर्मा के आवास पर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उनके साथ पंजाब इकाई के उप-प्रधान प्रवीण बांसल, मुख्य प्रवक्ता अनिल सरीन, कोषाध्यक्ष गुरदेव शर्मा देबी भी थे। उन्होंने कहा कि भगवंत मान सरकार की न तो कोई नीति है और न ही दिशा। आप सरकार पंजाब के प्रति अपनी गम्भीरता भी नहीं दिखा रही। एक भी वादा अभी तक पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने गारंटी दी थी कि सरकार बनने पर तुरंत लोगों को मुफ्त बिजली दी जायेगी अब शर्तों सहित यह वादा प्रथम जुलाई से लागू करने का वादा करके छोड़ दिया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री मान से कहा कि वह पंजाब को कॉमेडी शो न बनायें। यह एक संवेदनशील मुद्दों वाला सीमांत राज्य है, इसे गम्भीरता से लें।