पूनम पांडे
हम अकसर कह देते हैं कि अभी ‘बच्चा है, बाद में सीख जाएगा।’ यह कहकर बच्चे की हर बात को या बुरी आदतों को टाल देना सही नहीं है। माता- पिता को इस बात पर गौर करना चाहिये कि संतुलित जीवन के साथ सकारात्मक आदतों को भी धीरे-धीरे बच्चा अपनी दिनचर्या में शामिल कर ले। क्योंकि जैसी आदतें होंगी उनका भविष्य भी वैसा ही होगा।
सामंजस्य बिठाना सिखाएं
बच्चे तो अभी बच्चे हैं, बाद में सीख लेंगे, यह सोच सही नहीं है। माहौल से सहमति, असहमति और नयापन आदि भी उनमें एक तरह का नया व्यवहार पैदा करता है। बच्चों को नादान न समझें बल्कि उनमें ऐसी आदतें विकसित करें कि जब कभी जीवन में कोई भी विपरीत या खराब परिस्थितियां आएं तो वे उसके साथ सामंजस्य बिठा सकें।
धैर्यवान बनाएं
सबसे पहले तो बच्चे को धैर्य रखना सिखाएं। यह आदत धीरे -धीरे विकसित करें। उन्हें बतायें कि दूध गर्म है तो उसके ठंडा होने का इंतज़ार करें, उधम न मचाएं। चपाती चूल्हे पर सेंकी जा रही है तब तक थोड़ा धीरज रखकर भूख सहन करें। ये कुछ ऐसे प्राकृतिक अभ्यास हैं कि कुछ दिनों में धीरज रखना बच्चों में आदत बन जायेगा। आजकल के बच्चों में धैर्य की भारी कमी देखी जाती है। उनको हर चीज तुरंत और आनन-फानन में अपने हाथ में चाहिए। इसलिये उनको बताएं कि धैर्य और इंतज़ार से काम अच्छी तरह से कर पाएंगे।
भावनाएं और ज़रूरतें समझाएं
शुरू से ही बच्चों को अपनी चीजें दूसरों के साथ साझा करना सिखाएं। जैसे अपने रंग, खिलौने, साइकिल आदि।
बच्चे में शुरू से ही दूसरों के साथ चीजें शेयर करने की आदत डालें। इससे रिश्तों में मजबूती आती है। बच्चा दूसरों की भावनाओं और ज़रूरतों का भी ख्याल रखना सीखता है। बच्चे को यह एहसास दिलाएं कि कोई भी वस्तु या सुविधा सिर्फ उसके लिए नहीं है। दूसरों की मदद करना सिखाएं। मिसाल के तौर पर गमले के फूल में कोई चींटी अटक गई है तो उसकी जान बचाकर यह मदद का भाव विकसित किया जा सकता है। अगर कोई मुसीबत में हो या किसी को आपकी ज़रूरत हो तो ऐसी स्थिति में बच्चे को दूसरों की मदद करना ज़रूर सिखाएं। ना सिर्फ परिचितों की मदद बल्कि अनजान लोगों की मदद के लिए भी प्ररित करें।
समय की कद्र
बच्चे को समय की कद्र करना ज़रूर सिखाएं। जीवन में आगे बढ़ने के लिए कद्र करना जरूरी है। इन्हें हर काम वक्त पर पूरा करना, अपने काम के प्रति निष्ठावान बनाने का प्रयास करें। यह आदत डालें कि वह अपने काम के प्रति लापरवाही न करे।
सही और गलत का अंतर
बच्चे को हर दिन कोई कहानी सुनाकर सही और गलत में फर्क करना सिखाएं। यह उसको जागरूक करेगा। जब वह यह फर्क जानेगा, तभी उनमें निर्णय लेने की क्षमता विकसित होगी।
आदर -सम्मान सिखाएं
बड़ों से कैसे बात की जाए, थैंक्यू, सॉरी जैसी कॉमन बातें उनमें विनम्रता लाती है। उनको ये सिखाएं कि बड़ों से कैसे शिष्टाचार में रहकर बात करें और उनका कैसे सम्मान करें। आपके व्यवहार का उन पर बहुत असर होगा इसलिये अपने व्यवहार को भी संतुलित रखें। बच्चों को हमेशा ये सिखाएं कि वे बड़ों की बात मानें। उन्हें सिखाएं कि जो आपसे बड़े हैं वो हमेशा आपके भले के लिए ही बोल रहे हैं। कोई सरल सा मंत्र पढ़ना या प्रार्थना करना शरीर में सकारात्मक रसायन बढ़ाता है इसलिये बच्चों में हर दिन प्रार्थना करने की आदत डालें। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। सोच सकारात्मक बनती है और एकाग्रता में सुधार होता है।
ईमानदारी का सबक सिखाएं
अपने बच्चों को हमेशा सही मार्ग पर चलने का सबक ज़रूर सिखाएं। उनके अंदर ईमानदारी की आदत डालें। क्योंकि अगर आपका बच्चा ईमानदार होगा तो वे कभी झूठ नहीं बोलेगा और ना ही कभी कोई गलत काम करेगा।
ईमानदार होने पर बच्चे को शाबाशी भी दें। बच्चों को कुछ ऐसी किताबें और अन्य कंटेंट मुहैया कराएं जिससे उन्हें अच्छी बातें सीखने को मिलें और उनमें पढ़ने की आदत विकसित होने लगे।
ये भी सिखाएं
बैग, किताब, स्टेशनरी को व्यवस्थित करना।
अपनी सभी चीजें सही जगह पर करीने से रखना।
बच्चों को लंबे समय तक बैठे रहने और सोफा पर आराम करने और टेलीविजन देखने की अनुमति न दें।
उन्हें खेलने-कूदने के लिए प्रोत्साहित करें।
टहलने या व्यायाम करने के लिए कहें।
पारिवारिक कार्यक्रम को मज़ेदार बनाने के लिये बच्चों को इसमें शामिल करें।
भाषा के उच्चारण संबंधी विकार न आने दें।
किसी की नकल करना, कोई गलत शब्द बोलना या असभ्य भाषा का प्रयोग न करने दें।
किसी को चिढ़ाने या मजाक उड़ाने की अनुमति न दें।
सफाई या नहाने की आदत भी रोज़ समझाकर विकसित करनी चाहिए। जैसे किसी परदे या चादर पर गीले हाथ न रखना । यहां- वहां गंदगी या कचरा न फैलाना।
खांसते या छींकते वक्त मुंह पर हाथ रखना।
बच्चों को अच्छी आदतें सिखाकर उनके बेहतर भविष्य की नींव रखें। यही आदतें आगे चलकर उनको कामयाबी की राह पर आगे बढ़ने में मदद करती हैं। वक्त का पाबंद होना और साफ -सफाई के अलावा अच्छा व्यवहार और ज्ञान की लालसा उन्हें मानसिक तौर पर मज़बूत बनाते हैं। अच्छी आदतों की बदौलत ही बच्चे जीवन में सफलता प्राप्त कर पाते हैं।