करनाल, 20 मार्च (हप्र)
करनाल के गांव बीजना की एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद परिजनों ने आज ट्राॅमा सेंटर में हंगामा किया। परिजनों ने डाक्टरों पर अभद्र व्यवहार के आरोप लगाया और कहा कि तीन दिन पहले कोरोना वैक्सीन लगने के बाद महिला की हालत बिगड़ गई और आज उसकी मौत हो गई। महिला की हालत बिगड़ने के बाद परिजन उसे इलाज के लिए लेकर आज करनाल पहुंचे। कुछ समय उपरांत उसकी मौत हो गई।
परिवार के सदस्यों में शामिल राजबीर व अन्य लोगों ने बताया कि 3 दिन पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम कोरोना बचाव की टीका लगाने आई थी। उनकी 66 वर्षीय मां को भी टीका लगाया गया। उसके तुरंत बाद महिला के शरीर में दर्द होने लगा और बुखार हो गया। इससे पहले महिला स्वस्थ थी। उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी दिए जाने पर डाक्टर के केवल एक गोली लिखकर दे दी। ज्यादा हालत बिगड़ने पर आज वह ट्रामा सेंटर आये और दो घंटे तक अस्पताल में भटकते रहे। इसी दौरान महिला की मौत हो गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि हैल्थ स्टाफ ने उनके साथ धक्कामुक्की करके बाहर निकाल दिया।
हाई बीपी की मरीज थी महिला : डाक्टर
सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने बताया कि शनिवार को मुनेश देवी पत्नी रामचन्द्र निवासी गांव बीजना, जिला करनाल की मृत्यु ट्रॉमा सेंटर में हुई है। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी घरौंडा ने प्रारम्भिक जांच में पाया कि मुनेश देवी (66) को 17 मार्च को गांव बीजना में कोविड 19 से बचाव के लिए टीकाकरण किया गया था। उसी दिन मुनेश देवी को रात को बुखार हुआ जिसके लिए अगले दिन उप स्वास्थ्य केन्द्र की एएनएम द्वारा पेरासिटामाेल की दवाई दी गई जिससे बुखार उतर गया। शनिवार 20 मार्च को प्रात: 5.30 बजे मुनेश देवी को चलने में दिक्कत हुई व बोलने में कठिनाई हो रही थी। मुनेश देवी को लकवा का दौरा हुआ जिसके ईलाज की बजाय झाड़े के लिए परिवार वाले मुनेश देवी को सीता माई लेकर गये और उसके उपरान्त गांव बीजना में लेकर के आये जहां पर एएनएम को बुलाने पर एएनएम तुरंत उसके घर गई और पाया कि उसका रक्तचाप बहुत अत्यधिक था जिसे देखते ही एएनएम व आशा मुनेश देवी को परिजनो के साथ जिला नागरिक अस्पताल में लेकर आई जहा पर वह बेहोशी की हालत में पहुंची व डाक्टर द्वारा जान बचाने की पूर्ण कोशिश की गई व सीपीआर किया गया परन्तु उन्हें बचाया नहीं जा सका।
4 साल पहले पड़ा था लकवा का दौरा
डाक्टरों ने बताया कि लगभग 4 वर्ष पहले भी मुनेश देवी को लकवा का दौरा पड़ा था और अधिक रक्तचाप की बीमारी से वह ग्रसित थी जिसके लिए वह सही रूप से दवाई नहीं ले रही थी। मुनेश देवी की मृत्यु कोविड 19 टीकाकरण से नहीं हुई है। परन्तु फिर भी शव का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है जिससे मृत्यु के असली कारण का पता लगाया जा सके।