भिवानी, 10 अक्तूबर (हप्र)
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा का आरोप कि प्रधान नियोक्ताओं की मिलीभगत से ठेके कर्मियों का भारी आर्थिक शोषण हो रहा है। सकसं ने मुख्यमंत्री से इस मामले में तुरन्त हस्तक्षेप कर ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका कर्मचारियों को इस बिचौलिये सिस्टम से निजात दिलाने व सरकार के करोड़ों रुपए प्रतिमाह बचाने की मांग की है। सकसं जिला अध्यक्ष कमेटी की ओर से सुखदर्शन सरोहा, नरेन्द्र दिनोद, सरोज शास्त्री, सूरजभान जटासरा, राजेश लाम्बा ने यह मांग करते हुए बताया कि प्रदेश में करीब 50 हजार कर्मचारी आउटसोर्सिंग नीति पार्ट-1 के तहत विभिन्न विभागों बोर्डाे, निगमों, विश्वविद्यालयों, नगर निगमों, परिषदों व पालिकाओं में लगे हुए हैं। बिजली निगमों में तो आउटसोर्सिंग नीति 2015 की धज्जियां उड़ाकर करीब 15 हजार कर्मचारी पार्ट-2 की बजाय पार्ट-1 में स्वीकृत पदों के विरुद्ध ठेकेदारों के माध्यम से लगाए हुए हैं। शिकायतों के अनुसार ठेकेदार प्रधान नियोक्ता की मिलीभगत से विभाग से तो सरकार द्वारा निर्धारित वेतन प्राप्त कर रहे हैं लेकिन ठेका कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं दे रहे हैं। विभागों से प्राप्त की गई ई.पी.एफ. व ई.एस.आई. की राशि को भी डकार रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो ठेका कर्मचारी पूरा वेतन व ई.पी.एफ. की स्टेटमैंट तथा ईएसआई का कार्ड देेने की मांग करता है तो उसको तुरन्त नौकरी से निकाल दिया जाता है।
‘बिचौलिया सिस्टम खत्म करे सरकार’
फरीदाबाद (हप्र) : सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका कर्मचारियों को बिचौलिया सिस्टम से निजात दिलाने की मांग की है। संघ ने पत्र में कहा है कि अगर सरकार ठेका सिस्टम खत्म कर ठेका कर्मचारियों को सीधा विभागों के पे.रोल पर रखने का फैसला करें तो आर्थिक संकट में सरकार को करोड़ों रुपए मासिक की बचत भी होगी। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने आरोप लगाया है कि प्रधान नियोक्ताओं की मिलीभगत से राज्य में ठेका कर्मचारियों का भारी आर्थिक शोषण हो रहा है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने भी अपने विचार व्यक्त किये।