जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 12 अक्तूबर
भारत में सबसे महत्वपूर्ण पहचान के परिचायक फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र भी अब नकली बनने लगे हैं। मात्र थोड़े से रुपयों के लालच में कुछ एजेंट यह पहचान पत्र बना रहे हैं जिसमें कुछ नागरिक सुविधा केंद्र के संचालक भी शामिल हैं। इसके लिए केवल एक पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत है। फिर भले ही वोटर आईडी कार्ड बनवाने वाला भारत का नागरिक हो या न हो, या दुश्मन देश का रहने वाला हो, उसका कार्ड बन जाता है।
ऐसा ही एक मामला जिला मुख्यालय पर स्थित निर्वाचल कार्यालय पहुंचा जहां उसे तुरंत जब्त कर लिया गया किंतु चुनाव तहसीलदार के लंबे अवकाश पर होने के कारण निर्वाचन कार्यालय ने इस मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं की। पकड़ में आए कार्ड को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए जाने वाले फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र की तर्ज पर ही बनाया गया है। फर्जी वोटर कार्ड का आकार, प्रिंटिंग व रंग असली वोटर कार्ड से बिल्कुल भिन्न होने के कारण यह आसानी से पकड़ में आ जाता है। फोटो स्कैन करने के स्थान पर चस्पा कर दी गई। पकड़ में आया वोटर कार्ड मुलाना विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 35 के तहत पड़ने वाले गांव धन्नौरा के लिए बनाया गया है। कार्ड की पिछली ओर निर्वाचन अधिकारी के हस्ताक्षर भी किसी असली वोटर कार्ड से निकाल कर चस्पा किये लगते हैं। वोटर कार्ड पर दर्शाए गए क्रमाक नंबर का कोई रिकार्ड निर्वाचन कार्यालय से मेल नहीं खाता। इसमें तारीख निर्वाचन आयोग द्वारा अंकित किए जाने वाले तरीके से विपरीत है।
सूत्रों की तो पकड़ में आने के बाद संबंधित व्यक्ति ने निर्वाचन कार्यालय अधिकारियों के समक्ष सारी बात कबूल कर ली है और यह बता दिया है कि उसने किस नागरिक सुविधा केंद्र से कितने पैसे देकर यह फर्जी मतदाता पहचानपत्र बनवाया है। ऐसे में आसानी से बन रहे जाली मतदाता पहचान पत्र का फायदा कोई दुश्मन देश का नगरिक या घुसपैठिया भी उठा सकता है।
आज ही मामला संज्ञान में आया है। इसके बारे उपायुक्त को जानकारी दे दी जाएगी। वह कार्रवाई का जो निर्देश देंगे उसकी परिपालना कर दी जाएगी। अम्बाला शहर हलके के चुनाव कानूनगो को सभी नागरिक सुविधा केंद्रों को ऐसे कार्ड नहीं बनाए जाने की हिदायत दी जा चुकी है।
-हितेश कुमार, एसडीएम, अम्बाला शहर