पानीपत, 2 नवंबर (एस)
पानीपत के सहकारी शुगर मिल के पिराई सत्र का शुभारंभ मंगलवार को आज प्रदेश के सहकारिता मंत्री डाॅ. बनवारी लाल करेंगे। प्रदेश की सहकारी क्षेत्र की शुगर मिलों में पानीपत की शुगर मिल सबसे ज्यादा पुरानी है और इसकी स्थापना 1956 में हुई थी। हरियाणा प्रदेश की यही शुगर मिल अकेली ऐसी शुगर मिल है जिसमे रेलवे के दो 350-350 हार्स पॉवर के भाप इंजन लगे हुए हैं।
आधुनिकरण के चलते भाप इंजनों के स्थान पर अब डीजल व इलेक्ट्रिक इंजनों का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन पानीपत शुगर मिल में ये दोनों भाप के इंजन 1956 से लेकर अब तक लगातार चल रहे हैं। इन दोनों भाप इंजनों की मदद से रोलर द्वारा गन्ने की पिराई करके उससे रस निकालने का काम लिया जा रहा है। रेलवे के इंजनों में जहां कोयले से आग जलाई जाती थी लेकिन इनमें गन्ने की खोई से आग जलाई जाती है और उससे जो स्टीम यानि भाप बनती है तो उससे बड़े रोलर चलते है और उनसे एक बहुत बड़े कोल्हू की तरह रस निकाला जाता है। इस पुराने शुगर मिल के स्थान पर गांव डाहर में नया शुगर मिल बनाया जा रहा है और वहां पर ऐसे भाप इंजनों की जरूरत नहीं होगी। शुगर मिल के एमडी प्रदीप अहलावत ने बताया कि नये पिराई सत्र की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।