पंचकूला, 20 अप्रैल (हप्र)
हरियाणा के शिक्षामंत्री कंवरपाल ने कहा कि अध्यापक राष्ट्र निर्माण के साथ-साथ विद्यार्थियों के भविष्य के निर्माण का काम भी करते हैं। उनके द्वारा पढ़ाए जा रहे बच्चे अलग-अलग क्षेत्रों में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। शिक्षा मंत्री बुधवार को पंचूकला के इंद्रधनुष आडिटोरियम में आयोजित प्रवेश उत्सव कार्यक्रम की मंडल स्तरीय कार्यशाला में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष सरकारी स्कूलों में लगभग साढ़े चार लाख विद्यार्थियों के दाखिले हुए थे। हमारा प्रयास है कि इस वर्ष भी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या पिछले वर्ष से ज्यादा हो। उन्होंने कहा कि एक अध्यापक के अंदर नेतृत्व की भावना का होना बेहद जरूरी है, जिससे वे समाज के अलग-अलग वर्गों से जुड़कर विद्यालय में अच्छे बदलाव ला सकते हैं। इस दौरान उन्होंने विभिन्न स्कूलों के बच्चों द्वारा लगाई विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
कंवरपाल ने कार्यक्रम में आए शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्राइवेट स्कूलों को छोड़ सरकारी स्कूलों में आए छात्रों से संवाद करें। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि एमआईएस पोर्टल बेहतर तरीके से काम करे, इसे अध्यापकों द्वारा सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इस पोर्टल पर विद्यार्थियों से जुड़ा सारा डाटा सहीं से फीड किया जाना चाहिए, ताकि विद्यार्थियों को भविष्य में पुस्तकों व अन्य किसी चीज से जुड़ी कोई समस्या न आए। प्रवेश महोत्सव के दौरान प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूल में दाखिला लेने वाले विवेक और अंजली ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों में सरकारी स्कूलों की अपेक्षा फीस अधिक थी, किताबों का भारी-भरकर खर्च होता था। इसके अतिरिक्त किसी भी वर्ष स्कूल की वर्दी बदल दी जाती थी। ऐसे में उनके माता-पिता पर पढ़ाई का बड़ा खर्च पड़ता था। आज सरकारी स्कूल में प्राइवेट से अच्छी पढ़ाई करवाई जा रही है और पहले जितना खर्च भी वहन नहीं करना पड़ रहा है।