चंडीगढ़, 28 नवंबर (ट्रिन्यू)
राज्यपाल तथा चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों को आत्मनिर्भर बनाने में पूर्व छात्रों से योगदान देने के लिए आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र अपने मातृ संस्थानों को अपनाये और विश्वविद्यालय के सरकारी अनुदान को शून्य तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित करें।
राज्यपाल रविवार को चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के ऑनलाइन ‘पूर्व छात्र मिलन समारोह’ को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में 800 से अधिक प्रतिभागियों ने उपस्थिति दर्ज कराई।
पूर्व छात्रों को शिक्षण संस्थान की पूंजी बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को एक अलग एलुमनाई सैल बनाना चाहिए और पहले बैच से लेकर अब तक का डाटाबेस बनाना चाहिए। विश्वविद्यालय एवं पूर्व छात्रों के बीच संवाद को बढ़ावा दिया जाना समय की मांग है, जिससे पूर्व छात्रों में संस्थान के विकास में योगदान देने का भाव उत्पन्न हो। उन्होंने कहा कि कौशल एवं व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत का निर्माण किया जा सकता है और नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति मूल्य आधारित होने के साथ-साथ विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं शिक्षा सेवाएं जन सेवा पर आधारित होती हैं, इसलिए विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक एवं विद्यार्थी विभिन्न जन-कल्याणकारी कार्यों से जुड़कर राष्ट्र निर्माण सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्रों को स्थानीय मांग के आधार पर शैक्षणिक ढांचा तैयार करवाने में मदद करनी होगी। इस मौके पर दीनबंधु छोटू राम यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मुरथल के कुलपति प्रोफेसर राजेंद्र कुमार अनायत ने कहा कि पूर्व छात्र किसी भी विश्वविद्यालय की रीढ़ होते हैं और उनके दिखाए गए मार्ग पर चलकर उनके कनिष्ठ आगे बढ़ते हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अजमेर सिंह मलिक ने विश्वविद्यालय की अकादमिक एवं ढांचागत विकास परियोजनाओं का ब्योरा दिया।
राज्यपाल ने राजभवन में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा तैयार किए गए चौधरी देवी लाल यूनिवर्सिटी न्यूज़लेटर के पहले अंक का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मीडिया सरकार तथा जनता के मध्य कड़ी का काम करता है। केंद्र तथा राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में भी मीडिया का अहम योगदान होता है।