ट्रिब्यून न्यूज़ सर्विस/एजेंसी
नयी दिल्ली/ चंडीगढ़, 27 नवंबर
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने और शांतिपूर्ण आंदोलन करने की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है। इससे पहले दिन में दिल्ली-हरियाणा सिंघु सीमा पर आंदोलनकारी किसानों और दिल्ली पुलिस में भिड़ंत हो गयी जिसके बाद किसानों को रोकने के लिये पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। बाद में पुलिस ने कहा कि किसानों को उत्तरी दिल्ली के निरंकारी मैदान में शांतिपूर्ण धरने की अनुमति दी गई है।
अमरेंद्र ने एक ट्वीट में कहा, ‘मैं किसानों के दिल्ली में प्रवेश करने के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का विरोध करने के लिए अनुमति देने के केंद्र के फैसले का स्वागत करता हूं। उन्हें भी अब कृषि कानूनों पर किसानों की चिंताओं को दूर करने के लिए तत्काल बातचीत शुरू करनी चाहिए और मुद्दे को हल करना चाहिए। पंजाब के किसानों के निकायों ने दावा किया कि केंद्र सरकार ने उन्हें बुराड़ी मैदान में आंदोलन करने की अनुमति के साथ दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति भी दे दी है।
वहीं सुबह केन्द्र के 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को आंसू गैस के गोले दागे। दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाली सीमा पर नरेला में किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए। 30 से अधिक किसान संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले पंजाब के किसानों ने घोषणा की थी कि वे लालडू, शंभु, पटियाला-पिहोवा, पातरां-खनौरी, मूनक-टोहाना, रतिया-फतेहाबाद और तलवंडी-सिरसा मार्गों से दिल्ली की ओर रवाना होंगे।
प्रदर्शनकारियों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए सिंघु बॉर्डर पर बाड़ लगाने के लिए कांटेदार तार का भी उपयोग किया गया है। ‘दिल्ली चलो’ मार्च के लिए किसान अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर राशन और अन्य आवश्यक सामान के साथ एकत्रित हो गए हैं। हरियाणा सरकार ने किसानों को प्रदर्शन के लिए एकत्रित होने से रोकने के लिए कई इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 भी लागू कर दी थी।
सीमाओं से लगे कई स्थानों पर यातायात डायवर्ट
प्रदर्शन के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी सीमाओं से लगे कई स्थानों पर यातायात का मार्ग बदल दिया गये थे। दिल्ली-गुड़गांव सीमा पर वाहनों की तलाशी के कारण जाम लग गया था। दिल्ली-गुड़गांव सीमा पर सीआईएसएफ के कर्मियों को भी तैनात किया गया था।