दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 1 नवंबर
बरोदा हलके में उपचुनाव में हार-जीत का फैसला काफी हद तक मतदान प्रतिशत पर निर्भर रहेगा। जाट बहुल इस हलके में भाजपा-जजपा गठबंधन और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस अधिक से अधिक मतदान कराने की कोशिश में हैं। राज्य निर्वाचन आयोग भी यही चाहता है कि अधिक से अधिक लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें। इसलिए आयोग द्वारा लोगों को मतदान के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। बरोदा में कुल 1 लाख 80 हजार 529 लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इनमें 99 हजार 726 पुरुष और 80 हजार 801 महिला मतदाता हैं। इनमें 1865 सर्विस वोटर हैं, जो बैलेट पेपर के जरिए मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। निर्वाचन आयोग ने बरोदा उपचुनाव के लिए कुल 280 पोलिंग स्टेशन बनाए हैं। कोरोना महामारी को देखते हुए मतदान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया जाएगा। आयोग ने इसलिए इस बार मतदान केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई है।
सभी मतदान केंद्र वोटिंग से पहले ही सेनेटाइज कराए जाएंगे। पोलिंग स्टाफ के अलावा मतदाताओं के लिए भी फेस मास्क अनिवार्य रहेगा। दो गज की दूरी की पालना के हिसाब से ही मतदाताओं की लाइन बनेगी। मतदान केंद्रों पर भीड़ नहीं जुटने दी जाएगी। मतदान को शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष तरीके से सम्पन्न करवाने के लिए आयोग ने अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती हलके में की है। यहां बता दें कि 2019 के विधानसभा आम चुनाव में बरोदा हलके में मतदान उम्मीद से काफी कम हुआ था।
उस समय हलके में 68.98 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। आमचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी श्रीकृष्ण हुड्डा ने 42566 यानी कुल मतदान का 34.67 प्रतिशत वोट हासिल करके जीत की हैट्रिक लगाई थी। उनके निधन के चलते ही यहां उपचुनाव हो रहा है। उस समय भाजपा प्रत्याशी योगेश्वर दत्त को 37726 यानी 30.73 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। जजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले भूपेंद्र सिंह मलिक को 32 हजार 480 वोट हासिल हुए थे। वे 26.45 प्रतिशत वोट हासिल करने में कामयाब रहे थे। इनेलो प्रत्याशी जोगेंद्र मलिक को 3145 यानी 2.56 प्रतिशत वोट मिले थे। इन चुनाव में राजकुमार सैनी की पार्टी – लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के उम्मीदवार सत्यनारायण को 2382 वोट मिले थे, जो 1.94 प्रतिशत बनता है। 2019 में कुल 1 लाख 77 हजार 991 मतदाताओं में से 1 लाख 22 हजार 780 ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।