नयी दिल्ली, 5 नवंबर (एजेंसी)
पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद सत्तारूढ़ भाजपा के शासन वाले राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में स्थानीय बिक्री कर वैट भी कम कर दिए जाने से इन राज्यों में पेट्रोल की कीमतों में 8.7 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमतों में 9.52 रुपये प्रति लीटर तक की अतिरिक्त कमी हुई है। पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बेतहाशा बढ़ने से देश की बड़ी आबादी में व्याप्त असंतोष को देखते हुए केंद्र सरकार ने गत बुधवार को इन पर लागू उत्पाद शुल्क में कटौती की घोषणा की थी। पेट्रोल पर लागू उत्पाद शुल्क में 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर लागू शुल्क में 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गयी है। उसके फौरन बाद भाजपा-शासित राज्यों ने भी स्थानीय वैट की दरों में कटौती कर दी है। इसके बाद देश के 22 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में पेट्रोल एवं डीजल के दाम में अलग-अलग स्तर की कटौती देखी गई है। उत्तराखंड में राज्य सरकार के स्तर पर की गयी शुल्क कटौती सबसे कम है, जबकि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में यह अधिकतम है। पेट्रोल पर उत्तराखंड ने वैट में प्रति लीटर 1.97 रुपये की कटौती की है, जबकि लद्दाख में 8.97 रुपये की कटौती हुई है। डीजल के मामले में उत्तराखंड ने वैट में 17.5 रुपये प्रति लीटर की कटौती की है, जबकि लद्दाख में यह 9.52 रुपये प्रति लीटर है। पेट्रोलियम उत्पादों पर स्थानीय वैट कम करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदशों में कर्नाटक, पुडुचेरी, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, बिहार, मध्य प्रदेश, गोवा, गुजरात, दादरा एवं नागर हवेली, दमन एवं दीव, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश एवं लद्दाख शामिल हैं।
इन राज्यों ने नहीं घटाया कर
स्थानीय बिक्री कर में कमी न करने वाले राज्यों में राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, झारखंड, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। इन सभी राज्यों में गैर-भाजपाई दलों की सरकारें हैं।
भाजपा ने ‘विपक्ष’ को घेरा
पेट्रोल और डीजल पर केंद्र के उत्पाद शुल्क घटाने के दो दिन बाद भारतीय जनता पार्टी ने मूल्य वर्धित कर (वैट) नहीं घटाने को लेकर शुक्रवार को विपक्षी दलों की आलोचना की और तेल की ऊंची कीमतों को लेकर उन पर तुच्छ राजनीति करने का आरोप लगाया। भाजपा ने कहा कि विपक्ष पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों को लेकर केंद्र पर हमले कर रहा है, लेकिन जब केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क घटाया तब उन्होंने अपने-अपने शासन वाले राज्यों में वैट क्यों नहीं घटाया। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी शासित राज्यों ने केंद्र द्वारा आम आदमी को दी गई राहत को और अधिक बढ़ाने के लिए ईंधन पर वैट घटा दिया, लेकिन कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे विपक्षी दल शासित राज्यों ने ऐसा नहीं किया। भाटिया ने कहा, ‘यदि केंद्र और भाजपा शासित राज्य लोगों को राहत दे सकते हैं तो फिर कांग्रेस शासित राज्य क्यों नहीं दे सकते?’ भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासित राज्य ‘निर्मम और अक्षम’ हैं।