कैथल, 1 नवंबर (हप्र)
महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय को गांव मुंदड़ी के बजाय पूंडरी हलके के गांव जटेहड़ी में स्थापित करने का मुंदड़ी वासियों ने विरोध किया है।
इस बात को लेकर गांववासियों ने हस्ताक्षर अभियान चलाया। उन्होंने विधायक लीला राम के निवास पर उनके सचिव राम कुमार नैन की मार्फत ज्ञापन भी दिया है।
पूर्व सरपंच रामपाल, अमित कुमार, सौरव, कुलदीप सिंह, अजय कुमार, मुकेश कुमार, रामपाल, प्रदीप कुमार, विक्रम सिंह, अशोक कुमार, सतपाल सिंह, सतीश कुमार जय सिंह, शीशपाल, गुरचरण सिंह, सुभाष आदि ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय उनके गांव के नाम से मंजूर हुआ है। गांव की पंचायत ने इस विश्वविद्यालय के लिए 22 एकड़ जमीन भी दे दी है और जमीन की निशानदेही करवा कर कब्जा दे दिया है। श्री लव कुश महातीर्थ नवनिर्माण समिति के संयोजक महेन्द्र हंस ने बताया कि गांव में लव कुश तीर्थ हैं और महर्षि वाल्मीकि आश्रम भी स्थित है, जिस कारण इस विश्वविद्यालय का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम से रखा गया। इस समय यह विश्वविद्यालय राजकीय कालेज खानपुर में चल रहा है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए गांव वासी वर्ष 2006 से लड़ाई लड़ रहे हैं। वे इस विश्वविद्यालय को यहां से कहीं और नहीं जाने देंगे।
उन्होंने मुख्यमंत्री से भी मांग की कि इस विश्वविद्यालय को इसी गांव में स्थापित किया जाए।