बाढड़ा, 24 फरवरी (निस)
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर केन्द्र सरकार के तीन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर सर्वजातीय श्योराण खाप पच्चीस, भाकियू समेत अनेक सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने कस्बे में रोष मार्च निकाल कर तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। इस दौरान किसानों ने मुख्य क्रांतिकारी चौक पर रोष प्रदार्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
कस्बे के मुख्य क्रांतिकारी चौक पर संयुक्त किसान मोर्चा के दिशानिर्देश पर सर्वजातीय श्योराण खाप पच्चीस, भाकियू, किसान सभा, जाट आरक्षण संघर्ष समिति, नंबरदार एसोसिएशन, सिंदौलिया खाप समेत 30 से ज्यादा सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने रोष बैठक आयोजित कर सरकार की तानाशाही नीतियों के विरोध में नारेबाजी की। श्योराण खाप पच्चीस अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह बेरला ने कहा कि कृषि क्षेत्र में जबरदस्ती तीन कानूनों को लागू कर केन्द्र व प्रदेश सरकार किसान हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है। इन तीनों कानूनों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा 12 बार केन्द्र सरकार से सीधी वार्ता करने के अलावा बार बार अपना मांगपत्र दे चुका है लेकिन सरकार किसानों की मांग पर ध्यान देने की बजाए पूंजीपतियों का भविष्य सुरक्षित बनाने में जुटी है।
किसानों ने मुख्य क्रांतिकारी चौक से उपमंडल कार्यालय तक रोष प्रदार्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। इस अवसर पर किसान सभा अध्यक्ष मा. रघुबीर श्योराण, विधानंद हंसावास, कप्तान भीम सिंह द्वारका, ओमप्रकाश पंचगावां, जनसेवा महासंघ प्रदेश संयोजक सत्यवान शास्त्री, भाकियू महासचिव हरपाल भांडवा, पूर्व चेयरमैन संदीप बाढड़ा, पूर्व सरपंच सीताराम शर्मा, प्रेरक एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष मा. विनोद मांढी इत्यादि मौजूद थे।
मुकदमे रद्द करने के लिए डीसी को दिया ज्ञापन
हिसार (हप्र) : संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में किसान नेता शमशेर सिंह नंबरदार, सतबीर पूनिया, दिलबाग हुड्डा, सतबीर धायल व सूबेसिंह बूरा के नेतृत्व में किसानों का प्रतिनिधिमंडल बुधवार दोपहर जिला उपायुक्त से मिला और दर्ज किए गए मुकदमें रद्द करने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। किसान सभा के प्रेस सचिव सूबे सिंह बूरा ने बताया कि ज्ञापन में मांग की गई है कि भारत सरकार द्वारा बनाए गए कृषि सम्बंधी तीन काले कानूनों को रद्द करवाया जाए, किसान आंदोलन में 26 जनवरी से आज तक लापता हुए किसानों का पता लगाया जाए, केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा किसानों पर बनाए गए सभी मुकदमों को वापिस लिया जाए, सभी प्रकार की फसलों, तिलहनों एवं सब्जियों की खरीद सरकार द्वारा घोषित मूल्य पर खरीद के लिए कानून बने आदि शािमल हैं।
फसल को नष्ट न करें किसान
युवक समाज संगठन के प्रदेश अध्यक्ष एवं अखिल हरियाणा विश्वविद्यालय फेडरेशन के पूर्व चैयरमेन जोगिंद्र सिंह ने किसानों से अपील की है कि वह अपनी खेतों में खड़ी हरी-भरी फसल को हल चलाकर, ट्रैक्टर चला कर नष्ट ना करें। जोगिन्द्र सिंह ने कहा कि खेत में सभी मजदूर व किसान भाई बड़ी मेहनत से अपनी फसलों को खेतों में उगाते हैं और राकेश टिकेत के कहने का संदर्भ कुछ अलग था। किसान देश का अन्नदाता है और अन्नदाता कभी भी अन्न देवता का अपमान नहीं करता है।
किसानों ने टोल पर मनाया विरोध दिवस
तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ हिसार के चारों टोल पर किसानों ने धरने के दौरान विरोध दिवस मनाया और सभी टोल फ्री रखे। टोल प्लाजा चौधरीवास पर धरने की संयुक्त अध्यक्षता रणजीत सिंह भांभू व डॉक्टर परमानंद ने की और धरने में सैकड़ों किसान मजदूर व युवाओं ने शिरकत की। किसान नेता सुभाष कौशिक व सोमबीर पिलानिया ने बताया कि आज के धरने में डोबी गांव से सुरेश, कर्मवीर, बजरंग, विजेंदर, रोशन लाल शर्मा, डॉ रविंदर, देवा गांव से ओम प्रकाश, चरण सिंह, सुमित शामिल रहे।
भाजपा समझाएगी कृषि बिलों के फायदे
भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रधान कै. भूपेंद्र ने मंडल अध्यक्षों की वर्चुअल बैठक ली और कृषि बिलों के बारे किसानों व आम जनता में फैला भ्रम दूर करने का आह्वान किया। उन्होंने मंडल अध्यक्षों को एक ग्रूप बनाकर जनता के बीच जाने और विचारों का आदान-प्रदान करने के निर्देश दिए। वर्चुअल बैठक में शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के हिसार प्रवास, संगठन व देश में चल रहे विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई।
किसानों की रिहाई के लिए सौंपा ज्ञापन
लोहारू (निस) : किसान मोर्चा के बैनर तले बुधवार को अनेक किसानों ने शास्त्री पार्क में बैठक करके आज दमन विरोधी दिवस मनाया। इसके बाद विरोध प्रदर्शन करते हुए किसानों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम जगदीशचंद्र को सौंपा। इस मौके पर एडवोकेट सुनिल श्योराण, सदानंद सरस्वती, पृथ्वीसिंह श्योराण, रोहताश झुंपा, रामसिंह श्योराण, नरेंद्र फरटिया आदि अनेक किसान मौजूद थे।
किसानों का धरना जारी
भिवानी (हप्र) : संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जिले के गांव मिरान में स्वतंत्रता बचाओ दिवस को सैकड़ों किसानों ने इक_ा होकर मनाया और तीनों कृषि कानूनों के रद्द होने तक आंदोलन जारी रखने का आह्वान किया। किसानों का धरना 25वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता बलजीत नम्बरदार व संचालन देवीलाल ने किया। इस अवसर पर करणसिंह जैनावास, रणधीर सिढ़ात, मनजीत मिरान, अशोक, सोमबीर नंबरदार देवावास, महावीर, सत्यवीर देवावास सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहे। उधर, गांव पटौदी में चल रहे धरने से किसान राशन लेकर दिल्ली बॉर्डर के लिए रवाना हुए। भाकियू प्रधान कृष्ण कुमार की अध्यक्षता में यह जत्था ट्रैक्टर-ट्राली लेकर रवाना हुआ।
खटकड़ टोल पर मनाया दमन विरोधी दिवस
जींद (हप्र) : एनएच 352 पर खटकड़ टोल पर किसान धरने पर किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बुधवार को दमन विरोधी दिवस मनाया गया। राष्ट्रपति के नाम विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन एसडीएम उचाना प्रीतपाल को ज्ञापन सौंपा गया। किसानों ने केंद्र, प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रोष प्रकट किया। इससे पहले धरने को संबोधित करते हुए किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष कॉमरेड इंद्रजीत सिंह ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार आंदोलकारी किसानों के खिलाफ दमनकारी नीतियां अपना रही है और किसानों को बदनाम करने के हथकंडे अपना रही है। इस मौके पर बिजेंद्र सिंधु, अमरजीत, जयप्रकाश, राकेश, अनीष, बलराज नगूरां, गीता, अंजू आदि मौजूद रहे।
दमन विरोधी दिवस के जरिए उठी आवाज
चरखी दादरी (निस) : कृषि कानूनों के विरोध सहित कई मांगों को लेकर जिलाभर की खापों ने किसान संगठनों संग मिलकर दमन विरोध दिवस मनाया। इस दौरान किसानों ने सड़क पर उतरते हुए विरोध प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में निर्दलय विधायक व सांगवान खाप प्रधान सोमबीर सांगवान की अगुवाई में डीसी राजेश जोगपाल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
किसानों ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
सफीदों (निस) : किसान संगठनों के आह्वान पर बुधवार को सरकार विरोधी प्रदर्शन के तहत यहां गुरनाम सिंह चढ़ूनी की अध्यक्षता वाली किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष लीलू राम की अध्यक्षता में सैकड़ों की संख्या में किसान यहां खांस चौक के गुरुद्वारा परिसर में इकट्ठे हुए और बाजारों में सरकार विरोधी प्रदर्शन किया। उसके बाद उपमंडल कंपलेक्स में जाकर राष्ट्रपति के लिए एसडीएम मनदीप कुमार की अनुपस्थिति में यहां के नायब तहसीलदार रामपाल शर्मा को ज्ञापन सौंपा जिसमें कथित तौर पर झूठे मामलों में जेलों में बंद किसानों को रिहा करने, आंदोलनकारी किसानों के समर्थक व्यक्तियों व मीडिया कर्मियों पर दर्ज किए गए झूठे मुकदमे व नोटिस वापस लेने तथा दिल्ली पुलिस द्वारा बंद किए गए रास्तों को खुलवाने की मांग की गई।
कटवा दी पकने को तैयार गेहूं की फसल
सफीदों (निस) : सफीदों उपमंडल के धड़ोली गांव के खेतों में बुधवार को एक किसान ने तीनों विवादग्रस्त कृषि कानूनों पर आक्रोश जाहिर करते हुए अपने एक एकड़ खेत में गेहूं की पकने को तैयार फसल को कटवा कर इस गांव की गौशाला के कारिंदों को गायों के चारे के लिए सौंप दी। इस मौके पर इस गांव के अनेक युवा किसान भी मौजूद थे जिन्होंने मोदी सरकार-मुर्दाबाद तथा भाईचारा एकता-जिंदाबाद व किसान एकता-जिंदाबाद के नारे लगाए। बलराज ने कहा कि पहले तो नरेंद्र मोदी उनकी पसंद थे, लेकिन इन कृषि कानूनों को लेकर वह मोदी व उनकी सरकार के विरोध में हैं। बलराज का कहना था कि ये तीनों कृषि कानून यदि सरकार वापस ले ले तो सरकार से उसकी कोई नाराजगी नहीं है।
‘समस्या का समाधान करे सरकार’
भिवानी (हप्र) : कांग्रेस नेता राजबीर फरटिया ने कहा है कि भाजपा सरकार कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए देश के अन्नदाता को नुकसान पहुंचा रही है। तीन काले कृषि कानूनों की वजह से किसान लगातार तीन महीने से अपने घर और खेत को छोड़ सड़क पर बैठने को मजबूर हैं, जबकि भाजपा सरकार केवल पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है। राजबीर फरटिया बहल क्षेत्र में किसानों के धरने को समर्थन देने के लिए आये थे। उन्होंने कहा कि देश के विकास में किसानों का महत्वपूर्ण योगदान है। अगर किसान ही नहीं रहा तो देश कैसे प्रगति करेगा। ये कानून किसानों के साथ-साथ मजदूर और आम जनता के खिलाफ हैं। सरकार को चाहिए कि वह हठधर्मिता छोड़ तुरंत इन तीन कृषि कानूनों को रद्द कर किसानों की समस्या का समाधान करे।