श्रीहरिकोटा/ तिरुपति, 13 जुलाई (एजेंसी)
देश के तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ के प्रक्षेपण के लिए 25:30 घंटे की उलटी गिनती बृहस्पतिवार को श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र में शुरू हो गई। शुक्रवार को अपराह्न 2:35 बजे इसे लॉन्च किया जाएगा। अगले 40 दिन में करीब तीन लाख 75 हजार किलोमीटर की यात्रा के बाद इसे 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी धुव्र की सतह पर उतारे जाने की योजना है। यदि चांद पर यह सफलतापूर्वक उतर जाता है, तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसी सफलता पाने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले ‘चंद्रयान-2’ मिशन के दौरान लैंडर ‘विक्रम’ अंतिम क्षणों में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में सफल नहीं हुआ था।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि चंद्रयान-3 को स्वदेशी एलवीएम-3 (लाॅन्च व्हीकल मार्क-3) रॉकेट अंतरिक्ष में पहुंचाएगा। चंद्रयान के तीन भाग हैं- लैंडर, ऑर्बिटर और रोवर। यान में कई उपकरण चांद की सतह का अध्ययन करेंगे।
इसरो अध्यक्ष ने की पूजा-अर्चना
इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने तिरुपति जिले के सुल्लुरपेटा स्थित श्री चेंगलम्मा परमेश्वरिनी मंदिर में बृहस्पतिवार को पूजा-अर्चना की। वहीं, इसरो वैज्ञानिकों की एक टीम तिरुमाला स्थित भगवान वेंकटेश्वर मंदिर गयी। सोमनाथ ने कहा, ‘मुझे चेंगलम्मा देवी के आशीर्वाद की जरूरत है… मैं यहां प्रार्थना करने और इस मिशन की सफलता के लिए आशीर्वाद लेने आया हूं। चंद्रयान-3 कल अपनी यात्रा शुरू करेगा। हम उम्मीद कर रहे हैं कि सब कुछ ठीक रहेगा और यह 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरेगा।’
सूर्य पर भी नजर, अगले माह आदित्य-एल1 मिशन
अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा कि सूर्य का अध्ययन करने के लिए भारत का अंतरिक्ष आधारित पहला मिशन ‘आदित्य-एल1’ अगस्त में संभावित है। उपग्रह का अभी परीक्षण चल रहा है और यदि परिणाम अच्छे रहे तो प्रक्षेपण निर्धारित समय (10 अगस्त) या उस तारीख के आसपास होगा।