हिसार, 4 मई (हप्र)
एक मई की रात को पुलिस टीम के साथ दैनिक ट्रिब्यून द्वारा किए गए रेमडेसिविर के स्टिंग ऑप्रेशन की पुलिस जांच पर सवाल उठाते हुए जवाब दो हिसाब दो एसोसिएशन ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सीबीआई, राज्यपाल, सीएम व गृहमंत्री को शिकायत भेजकर मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है। उनका कहना है कि पुलिस अपनी जांच सिर्फ तीन रेमडेसिविर के इंजेक्शन की कालाबाजारी तक सीमित रही जबकि इस मामले की गहराई से जांच की जाए तो न सिर्फ नए चेहरे बेनकाब हो सकते हैं बल्कि रेमडेसिविर का पूरा स्टॉक भी प्रशासन को मिल सकता है।
अपनी शिकायत में जवाब दो हिसाब दो एसोसिएशन के प्रधान राजीव सरदाना ने कहा कि इस मामले के मुख्य आरोपी अरुण खुराना व पार्थ खुराना को पुलिस ने रिमांड पर लेकर पूछताछ किए बिना न्यायिक हिरासत में भेज दिया जबकि जिस तीसरे आरोपी को रिमांड पर लिया है, उससे पूछताछ के आधार पर जो कहानी बनाई है उससे यह जांच सिर्फ तीन रेमडेसिविर इंजेक्शन तक सीमित है।
पुलिस की कहानी के अनुसार मुकेश मलिक ने दिल्ली निवासी एक परिवार से यह तीन इंजेक्शन 7054 रुपये में खरीदे थे और इसका बिल भी पुलिस को दिया है। पुलिस की इस कहानी के बाद मामले की जांच यहीं खत्म हो जाती है जबकि सच्चाई यह है कि आरोपियों ने इससे पहले भी काफी लोगों को रेमडेसिविर के इंजेक्शन बेचे थे और अब भी इनके संपर्क वाले व्यक्तियों के पास इस इंजेक्शन का पूरा जखीरा है। उनका आरोप है कि पुलिस इस केस को कमजोर करने का प्रयास कर रही है जिसकी सीबीआई से जांच करवाना बेहद जरूरी है।
हांसी निवासी ने भी आरोपी से इंजेक्शन खरीदने की बात कही
इस स्टिंग ऑपरेशन का खुलासा होने के बाद हांसी निवासी नकुल ने एक फेसबुक चैनल को दिए साक्षात्कार में बताया कि उसने अपने पिता की जान बचाने के लिए अरुण खुराना से 35 हजार रुपये में एक इजेक्शन लिया था। इसके अलावा भी उसने 65 हजार रुपये में दो और इंजेक्शन किसी दूसरे से लिए थे। उसके पास अरुण खुराना से मोबाइल पर हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भी है।