यमुनानगर/जगाधरी, 9 अक्तूबर (हप्र/निस)
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक (मृदा परीक्षण) डा. देवेंद्र सिहाग ने उप कृषि निदेशक कार्यालय में कृषि अधिकारियों की बैठक ली। इसमें उन्होंने अधिकारियों से सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में चलाई जा रही योजनाओं को लेकर चर्चा की। योजनाओं को लेकर विभाग के अधिकारियों से प्रगति रिपोर्ट भी ली। डा. सिहाग ने खाद के भंडारण की स्थिति भी जांची। उप निदेशक डा. जसविंद्र सैनी ने संयुक्त निदेशक को बताया कि इस समय जिले में 600 एमटी डीएपी, 2300 एमटी एनपीके (12.32.16) मौजूद है। रबी की फसल के लिए 7500 एमटी डीएपी की जरूरत पड़ती है। संयुक्त निदेशक डा. सिहाग ने कहा कि किसान एनपीके (12.32.16) व एसएसपी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। संयुक्त निदेशक ने सरस्वती नगर क्षेत्र के गांव अंबली में आयोजित सीआरएम शिविर में किसानों को संबोधित किया। उन्होंने किसानों से फसल अवशेष न जलाने की अपील की। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि फसल अवशेषों में आग न लगा कर उनको कृषि यंत्रों की सहायता से मिट्टी में मिलाएं ताकि हमारी जमीन की उर्वरा शक्ति बनी रहे।
उन्होंने गांव अम्बली में सीएचसी का भी अवलोकन किया व खेतो में स्टार बैलर व मल्चर का भी प्रदर्शन देखा। संयुक्त निदेशक ने सीएचसी का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर कृषि विभाग के डा. बालमुकुंद कौशिक, एसडीओ एग्री कल्चर डा. सतबीर सिंह आदि भी मौजूद रहे।